मर्डर किया, पहचान बदला, 28 साल बाद इस हाल में मिला UP का मोस्ट वांटेड; पत्नी बोली- मर चुका है वो…
उत्तर प्रदेश पुलिस का मोस्ट वांटेड कल्लू सिंह 28 साल बाद गुजरात से गिरफ्तार हुआ है. 1997 में हत्या और गोलीबारी के बाद से फरार यह बदमाश नाम बदलकर वलसाड़ में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था. उसने बड़बोलेपन में अपने एक सहकर्मी को पुरानी कहानी बताई और फिर पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा है. उसकी पत्नी ने उससे मिलने से भी इनकार कर दिया है.

उत्तर प्रदेश पुलिस का मोस्ट वांटेड और 50 हजार रुपये का इनामी बदमाश कल्लू सिंह आखिरकार पकड़ लिया गया है. 28 साल से वह नाम और पहचान बदलकर गुजरात के वलसाड़ स्थित एक फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था. हेरिटेज अस्पताल के प्रशासनिक अफसर विधानचंद तिवारी की हत्या और हिस्ट्रीशीटर बदमाश मायालू पर फायरिंग के बाद से ही फरार इस बदमाश की तलाश वाराणसी पुलिस कर रही थी, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा था. उसके घर वाले भी मान चुके थे कि वह मर चुका है. लेकिन जिस प्रकार से यह बदमाश पकड़ा गया है, उसे जानकर हर कोई हैरान है.
दरअसल हाल ही में वलसाड़ पुलिस ने वाराणसी पुलिस से संपर्क किया. इस दौरान वाराणसी पुलिस को एक तस्वीर भेजते हुए वलसाड़ पुलिस ने बताया कि यह यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड कल्लू सिंह हो सकता है. यह सुनकर वाराणसी पुलिस हैरान रह गई. फिर इस दावे की वजह पूछी तो पता चला कि इसी व्यक्ति ने अपने सहकर्मी को बड़बोलेपन में बताया है. इसके बाद वाराणसी पुलिस ने यह तस्वीर उसी हिस्ट्रीशीटर मायालू को दिखाई, जिसे गोली मारकर कल्लू फरार हुआ था. मायालू ने तस्वीर की पहचान कर ली. इसके बाद वाराणसी पुलिस ने वलसाड़ पुलिस की मदद से उसे अरेस्ट किया है.
अप्रैल 1997 में किया था मर्डर
पुलिस के मुताबिक 17 अप्रैल 1997 दिन गुरुवार को हेरिटेज हॉस्पिटल के प्रशासनिक अधिकारी विधानचंद्र तिवारी अस्पताल के पास ही खड़े होकर किसी से बात कर रहे थे. इसी दौरान बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. पता चला कि यह वारदात कल्लू और उसके साथी बालेंद्र सिंह ने अंजाम दिया है. इस घटना के बाद पुलिस ने शहर में नाकाबंदी कर दी, लेकिन उसी दिन इन बदमाशों ने एक दूसरे हिस्ट्रीशीटर बदमाश मायालू पर फायरिंग की और फरार हो गया. इन दोनों मामलों में पुलिस ने कल्लू सिंह और बालेन्द्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था.
23 साल पहले हुआ बालेंद्र का एनकाउंटर
घटना के पांच साल बाद यानी आज से 23 साल पहले चंदौली पुलिस ने एनकाउंटर में बालेंद्र को मार गिराया था. हालांकि कल्लू के बारे में किसी को कोई खबर नहीं थी. यहां तक कि उसके घर वालों ने भी मान लिया था कि वह मर चुका है. दरअसल इन 28 सालों में उसने अपने घर वालों से भी संपर्क नहीं किया. यहां तक कि पिछले दिनों उसकी बेटी की शादी भी हुई थी. अब जब पुलिस ने उसकी पत्नी को गिरफ्तारी की खबर दी तो उसने मिलने से भी मना कर दिया है. कहा कि 28 साल में जब कोई खोज खबर नहीं ली तो अब क्या मिलें. वह परिवार के लिए मर चुका है.
भारी पड़ा बड़बोलापन
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की. इस दौरान कल्लू ने बताया कि वह अपनी पुरानी जिंदगी से बाहर आ चुका है. सबकुछ भुलाकर वह त्रिभुवन सिंह के नाम से वलसाड़ में 28 साल से रह रहा था. जीवन यापन के लिए वह सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था. एक दिन उसने बड़बोलेपन में साथी गार्ड को पुरानी कहानी बता दी. उस गार्ड ने चुपके से पुलिस को सूचित कर दिया. इसके बाद वलसाड़ पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर वाराणसी पुलिस को सूचित कर दिया. फिलहाल पुलिस ने इस बदमाश को अदालत में पेशकर जेल भेज दिया है.
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