कौन है जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा? जिस पर नेपाल बॉर्डर के इलाके में धर्म परिवर्तन का रैकेट चलाने का है आरोप
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा नामक धर्मांतरण माफिया की एटीएस और एसटीएफ तलाश कर रही है. वह चमत्कारिक अंगूठियों और तंत्र-मंत्र से लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता था. उसके संबंध देश विरोधी ताकतों से भी पाए गए हैं. इसके विदेशी कनेक्शन और धन प्राप्ति के स्रोतों की जांच की जा रही है.
आपने कई तरह के माफिया के बारे में सुना होगा, लेकिन शायद ही आपको धर्मांतरण माफिया की जानकारी हो. ऐसा ही एक धर्मांतरण माफिया उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में है. इसकी तलाश में ना केवल यूपी पुलिस, बल्कि एसटीएफ और एटीएस जैसी एजेंसियां भी खूब पसीना बहा रही हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं जमालु्दीन उर्फ छांगुर बाबा की. आरोप है कि नेपाल बॉर्डर पर यह धर्मांतरण रैकेट चलता है. यह लोगों का ब्रेनवॉस करता है और फिर उनका धर्मांतरण करा देता है. इस छांगुर बाबा के कनेक्शन देश विरोधी ताकतों से भी मिले हैं.
बलरामपुर के उतरौला कस्बे के मधपुर गांव में रहने वाले जमालुद्दीन, जिसे लोग छांगुर बाबा या पीर बाबा के नाम से लोग जानते है, वो कभी मेला, हॉट और बाजारों में घूमकर अंगूठी और नग बेचता था. आरोप है कि इसी दौरान वह किसी खास व्यक्ति के संपर्क में आया और फिर कथित तौर पर मुस्लिम धर्म गुरु बन गया. फिर उसी व्यक्ति के इशारे पर यह धर्मांतरण के अलावा कई अन्य देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने लगा था. इस छांगुर बाबा के कारनामे सामने आने के बाद एसटीएफ और एटीएस कई बार इसके ठिकाने पर दबिश देने भी पहुंची है. हालांकि उससे पहले ही फरार हो गया.
अंगूठे बेचते-बेचते बना धर्मगुरु
जमालुद्दीन की कहानी उतरौला की गलियों से शुरू होती है. शुरू में वह घूमकर अंगूठियां बेचता था. कोतवाल अवधेश राज सिंह के मुताबिक पांच-छह साल पहले तक उसने यही काम किया, लेकिन अचानक से उसकी दुनिया बदल गई. उसने मधपुर में एक आलीशान कोठी बनवाई और शाही अंदाज में रहने लगा. गांव वाले भी उसकी तरक्की देखकर हैरान थे. वह जमीनों की खरीद-फरोख्त करने लगा. कई व्यवसायिक दुकानें बना ली और अब एक डिग्री कॉलेज खोलने की योजना बना रहा था. उसकी इस तरक्की के पीछे किसी विदेशी ताकत का हाथ बताया जा रहा है.
विदेशी फंडिंग की आशंका
एटीएस की जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा धर्मांतरण के धंधे में लिप्त था. इसके लिए उसे विदेशों से पैसा मिलता था. वह कथित तौर पर चमत्कारी अंगूठियों और तंत्र-मंत्र के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाता था और लोगों को नकद राशि और नौकरी का लालच देकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए विवश करता था. वह मुंबई में मशहूर हाजी अली की दरगाह पर भी अंगूठी और नग बेचने जाता था. इसी दौरान उसके संबंध नागपुर के ईदुल इस्लाम से बना. वहीं पर उसने मुंबई के नवीन रोहरा का धर्मांतरण कराया था.
गांव का प्रधान रह चुका है छांगुर बाबा
बाद में नवीन रोहरा ने इसके प्रभाव में आकर अपने पूरे परिवार का धर्मांतरण करया और पत्नी और बेटी के साथ मुंबई से उतरौला आ गया. यहां आकर उसने भी अपना नाम जमालुद्दीन रख लिया, वहीं उसकी पत्नी नीतू जो लंदन में सीए की पढ़ाई कर चुकी थी और वहां एक फर्म में काम करती थी, अब नसरीन बन चुकी थी. हालांकि नवीन को पहले ही एटीएस ने अरेस्ट कर लिया है. बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा अपने गांव का प्रधान भी रह चुका है. वहीं अब अपने बेटे महबूब को पंचायत चुनाव में उतारने की तैयारी कर रहा था.
