लोमड़ी-सियार के हमले से मौत पर अब सरकार देगी मुआवजा, यह है पूरी डिटेल

उत्तर प्रदेश सरकार ने लोमड़ी और सियार के हमले से होने वाली मौतों को राज्य आपदा घोषित किया है. इस घटना से पीड़ित लोगों के लिए मुआवजे की रकम तय की गई है. इससे पहले बाघ, शेर, तेंदुआ आदि के हमले पर भी मुआवजा दिया जाता था. अब लोमड़ी और सियार समेत कुल 11 वन्यजीव इस योजना में शामिल हैं. क्या मधुमक्खी का काटना भी इसमें शामिल है? आइए इसके बारे में जानते हैं.

इन जानवरों के काटने से मिलेगा मुआवजा

गांव में, खेतों में रात के समय लोमड़ी और सियार की आवाजें जोर-जोर से सुनाई देती हैं. ये जानवर देखने में कुत्तों से मिलते-जुलते नजर आते हैं, लेकिन इनका हमला जानलेवा होता है. ऐसे में योगी सरकार ने इस तरह की होने वाली मौतों को राज्य आपदा घोषित किया है. अब अगर किसी शख्स की मौत लोमड़ी और सियार के हमले से होती है तो मृतक के घरवालों को मुआवजा दिया जाएगा. सरकार की तरफ से मुआवजे की राशि 4 लाख रुपये तय की गई है. इसके साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष की श्रेणी-2 में लोमड़ी और सियार को शामिल किया गया है.

कौन से जानवर मुआवजे के दायरे में?

राज्य में सिर्फ लोमड़ी और सियार के मारने पर ही मुआवजा नहीं दिया जाएगा बल्कि, इसके पहले बाघ, शेर, तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा, मगरमच्छ, हाथी, गैंडा और जंगली सुअर के हमले से होने वाली मौतों पर भी मुआवजा दिया जाता है. इसमें 11 जानवर शामिल हैं, जिनकी वजह से किसी शख्स की मौत होने पर 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है. इन सभी को श्रेणी-1 में रखा गया है. अब लोमड़ी और सियार के साथ कुल 11 वन्यजीव मुआवजा श्रेणी में शामिल हो गए हैं.

क्या मधुमक्खियों के काटने पर भी मिलेगा मुआवजा?

मधुमक्खियों के काटने की वजह से भी कई बार लोगों की मौत हो जाती है. ऐसे में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारी समिति की ओर से मधुमक्खियों के काटने से होने वाली मौत को भी राज्य आपदा में शामिल करने की बात कही थी. फिलहाल, यह प्रस्ताव अभी मंजूर नहीं हुआ है. सरकार ने वन विभाग से यह साफ करने को कहा है कि क्या मधुमक्खी वन्यजीव की श्रेणी में आती है. साथ ही प्रस्ताव में बिल्डिंग या इमारतों के गिरने की वजह से होने वाली मौतों को भी मुआवजे की श्रेणी में लाने की बात कही, जिसे खारिज कर दिया गया है. सरकार का ये फैसला गांव में रह रहे लोगों के लिए राहत भरा है.