लखनऊ में दरोग़ा की निकल गई हेकड़ी, ‘ख़ाकी’ नंबर प्लेट वाली बुलेट का कटा 5000 का चालान

लखनऊ से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो आपको हैरान कर देगी. मामला राजधानी के हजरतगंज इलाके का है, जहां एक दरोगा जी को वर्दी का ऐसा नशा चढ़ा कि बुलेट बाईक पर नंबर प्लेट तक लगाना जरूरी नही समझा. दरोगा साहब ने नंबर प्लेट की जगह लिखवा दिया ‘खाकी’ और ये बुलेट राजधानी […]

ट्रफिक पुलिस ने किया 5000 का चालान

लखनऊ से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो आपको हैरान कर देगी. मामला राजधानी के हजरतगंज इलाके का है, जहां एक दरोगा जी को वर्दी का ऐसा नशा चढ़ा कि बुलेट बाईक पर नंबर प्लेट तक लगाना जरूरी नही समझा. दरोगा साहब ने नंबर प्लेट की जगह लिखवा दिया ‘खाकी’ और ये बुलेट राजधानी में खुलेआम इस कदर चौकड़ी काटने लगी, जैसे कि इन साहब को किसी का डर ही न हो. और होता भी क्यों, जब खुद ही कानून को अपनी वर्दी की जेब में लिए घूमते हैं.

ट्रैफिक पुलिस ने किया 5000 का चालान

हांलाकि इस खाकी नंबर वाली बाईक का चालान कट गया क्योकि ट्रैफिक पुलिस ने इसे यातायात नियमों के खिलाफ माना और 5,000 का फाईन लगा दिया. ये घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, और लोग पुलिस के इस रवैये को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं.

लखनऊ हजरतगंज चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस ने रूटीन जांच के तहत काम कर रही थी. इसी दौरान ट्रैफिक पुलिस ने कुछ ऐसा देखा कि वो भी भौचक्के रह गए. चेकिंग के दरमियान जब एक बुलेट को रोका गया, तो पाया कि बाइक की पीछे की नंबर प्लेट गायब थी, जबकि आगे की प्लेट पर ‘खाकी’ लिखा हुआ था.

जब ट्रैपिक पुलिस ने इस बाईक के कागज देखे तो पता चला कि ये बाइक एक दारोगा की है, जो खाकी वर्दी की आड़ में नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 5,000 रुपये का चालान काट दिया. ट्रैफिक पुलिस ने दोबारा ऐसा न करने की हिदायत दी है.

नंबर प्लेट की जगह कुछ और होने पर क्या हैं नियम

वाहनों के नंबर प्लेट को लेकर ट्रैपिक डिपार्टमेंट की तरफ से क्लियर गाईडलाइन हैं, इलका उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रवधान किया गया है. ट्रैफिक गाइडलाइन के मुताबिक वाहन की नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावा कुछ लिखवाना मना है. वाहनों की नंबर प्लेट पर जाति या किसी पद का नाम लिखना मोटर व्हीकल एक्ट के तहत एक अपराध माना जाता है.


इसके लिए पहली बार पकड़े जाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है. अगर चालक इसका बार-बार उल्लंघन करता है तो इसके लिए 10,000 रुपये तक का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. कुछ मामलों में वाहनों को जब्त करने का प्रावधान शामिल है.