विधानसभा से इस्तीफा देंगे सपा के निष्कासित विधायक मनोज पांडेय! BJP से लड़ सकते हैं उपचुनाव
समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक मनोज पांडेय ने विधानसभा से इस्तीफा देने का मन बना लिया है. वह अपनी ही रिक्त सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतर सकते हैं. साल 2024 के राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के आरोप में सपा ने उन्हें निष्काषित किया है. उनके अगले कदम को लेकर राजनीतिक हलके में चर्चा तेज हो गई है.

समाजवादी पार्टी में बगावत के बाद निकाले गए रायबरेली में ऊंचाहार विधानसभा सीट से विधायक मनोज पांडेय जल्द ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं. संभावना है कि वह खाली होने वाली अपनी ही सीट से बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव भी लड़ेंगे. सूत्रों के मुताबिक उपचुनाव जीतने पर उन्हें योगी सरकार में अहम जिम्मेदारी भी मिल सकती है. हालांकि अभी तक मनोज पांडेय ने खुद अपनी ओर से अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
माना जा रहा है कि मनोज पांडेय ने अंदरखाने अपनी रणनीति तय कर ली है. वह विधानसभा से इस्तीफा देने और उपचुनाव लड़ने की तैयारी में भी जुट गए हैं. हालांकि उपचुनाव में विजय उनके लिए आसान नहीं होगा. चूंकि ऊंचाहार में उनकी पकड़ मजबूत है, ऊपर से बीजेपी का सपोर्ट भी मिलेगा. इसलिए परिस्थिति बदल भी सकती है. इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए बीजेपी उन पर दांव लगाने को तैयार है. 2022 के विधानसभा चुनाव में मनोज पांडेय ने बीजेपी के अमरपाल मौर्य को 6,621 वोटों से हराया था.
बगावती तेवर की वजह से सपा ने निकाला
मनोज पांडेय पर सपा में रहते हुए बगावत करने का आरोप है. साल 2024 के राज्यसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. इसके अलावा उन्होंने कई बार पार्टी लाइन के खिलाफ बयान भी दिया. इसके बाद सपा ने 23 जून 2025 को उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया. निष्कासन के बाद दल-बदल विरोधी कानून के दायरे से मुक्त होने के बावजूद, मनोज पांडेय ने विधानसभा से इस्तीफा देने का मन बना लिया है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने इस्तीफे के बाद रिक्त सीट पर होने वाले उपचुनाव में उन्हें टिकट देने का भी वादा किया है.
मुलायम सिंह के करीबी रहे हैं मनोज पांडेय
मनोज पांडेय का राजनीतिक सफर स्थानीय निकाय चुनावों से शुरू हुआ था. वह सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में शुमार रहे हैं. वह चार बार (2007, 2012, 2017 और 2022) ऊंचाहार से विधायक चुने गए. इस दौरान सपा सरकार में 2004-07 और 2012-17 में कैबिनेट मंत्री भी रहे. वे सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे अहम पदों पर भी रह चुके हैं. 2024 में क्रॉस वोटिंग के समय वह खुद सपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक थे.
तीन विधायकों का हुआ सपा से निष्कासन
बता दें कि हाल ही में सपा ने मनोज पांडे सहित तीन अपने विधायकों अभय सिंह (गोसाईगंज) और राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज) को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. इन तीनों विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और 2024 के राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने का आरोप है. इसी तरह के आरोप तो पांच अन्य विधायकों पर भी थे, लेकिन उन विधायकों ने अपनी सदस्यता बचा ली. इधर, अपने निष्कासन पर मनोज पांडे ने बयान दिया है.कहा कि वह 18 मई 2024 को ही अमित शाह और लाखों लोगों की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो चुके हैं. सपा से निष्कासन हास्यास्पद है.
Latest Stories

पूजा, राकेश, आशुतोष, महाराजी और विनोद… अखिलेश ने इन 5 बागी विधायकों पर क्यों नहीं की कार्रवाई? इनसाइड स्टोरी

मनोज, राकेश और अभय… सपा से निकाले गए तीनों बागी, बच गई विधायकी!

2027 की तैयारी में जुटी सपा; सरकार बनने पर महिलाओं को हर महीने 3 हजार रुपए देने का ऐलान

सांसद प्रिया सरोज से किसान नाराज, घर से शादी मंडप तक 1000 मृत किसानों की तस्वीर लगाने का ऐलान



