गोरखपुरः GDA अगस्त में करेगा खोराबार टाउनशिप मेडिसिटी प्रोजेक्ट में फ्लैट का आवंटन

रखपुर के खोराबार टाउनशिप और मेडिसिटी प्रोजेक्ट में उनके बसने का सपना अब जल्द ही पूरा होने वाला है. गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने दोनों प्रमुख बिल्डिंगों के कम से कम एक ब्लॉक के कंस्ट्रक्शन को अगस्त में पूरा करने की उम्मीद दी है.

गोरखपुरः GDA अगस्त में करेगा टाउनशिप प्रोजेक्ट में फ्लैट का आवंटन

गोरखपुर और उसके आस पास के जिले के लोगों के लिए खुशी की खबर है. गोरखपुर के खोराबार टाउनशिप और मेडिसिटी प्रोजेक्ट में उनके बसने का सपना अब जल्द ही पूरा होने वाला है. गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने दोनों प्रमुख बिल्डिंगों के कम से कम एक ब्लॉक के कंस्ट्रक्शन को अगस्त में पूरा करने की उम्मीद दी है. जीडीए के उपाध्यक्ष आनंदवर्धन सिंह ने इसे अगस्त तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं, जिससे गोरखपुर विकास प्राधिकरण एक ब्लॉक के फ्लैट पर आवंटियों को कब्जा दे सके, इसे लेकर GDA ने लीज प्लान तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

मकान और उनकी कीमत जानें

गोरखपुर के खोराबार टाउनशिप और मेडिसिटी प्रोजेक्ट में EWS कैटेगरी के 560, LIG कैटेगरी के 580, MIG कैटेगरी के 420 फ्लैट बनाए गए है. इन सभी फ्लैट को गवर्नमेंट गाइडलाइन के अनुसार कॉस्ट प्राइस पर बेचा जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत 420 मिनी MIG फ्लैट भी बनाए जा रहे है जिनकी कीमत लगभग 28.58 रुपए निर्धारित की गई है. खोराबार टाउनशिप और मेडिसिटी प्रोजेक्ट में 6.63 एकड़ में मायवान टेक्नोलॉजी पर 14 मंजिला मिनी LIG और LIG टावर बन रहें है, इस प्रोजेक्ट में कुल 91.56 करोड रुपए की लागत लगेगी.

हर 15 दिन पर काम का रिव्यू

गोरखपुर विकास प्राधिकरण इसके आवंटन की सभी प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरा कर रहा है, जिससे आवंटियों को बिना परेशानी उठाए जल्दी उनके फ्लैट पर कब्जा मिल सके. इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में किसी प्रकार की देरी ना हो, इसको लेकर GDA उपाध्यक्ष ने पहले ही कंस्ट्रक्शन एजेंसी को निर्देशित कर दिया है किसी प्रकार को देरी होने पर कंस्ट्रक्शन एजेंसी पर पेनाल्टी लगाई जाएगी.

जीडीए उपाध्यक्ष ने विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया है कि प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन वर्क की प्रॉपर मॉनिटरिंग की जाए, जिससे मानसून के दौरान बारिश के कारण काम में कोई देरी ना हो. उन्होंने कहा है कि हर 15 दिनों के बाद कंपनी की तरफ से किए जा रहे हैं वर्क प्रोग्रेस का रिव्यू किया जाए और अगर काम संतोषजनक न हो तो कंस्ट्रक्शन एजेंसी को नोटिस देकर उस पर पेनाल्टी लगाई जाए.