कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला? ISS जाने वाले पहले भारतीय बने, लखनऊ में जश्न का माहौल
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. वह आज ही स्पेस के लिए रवाना हुए हैं. लखनऊ के रहने वाले शुभांशु ने भारतीय वायु सेना में 2000 घंटे से अधिक फाइटर जेट उड़ाने का अनुभव प्राप्त किया है. 2019 में उन्हें गगनयान मिशन के लिए चुना गया था. उनकी इस उपलब्धि पर लखनऊ में आज जश्न का माहौल है.

भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज सुबह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से आज स्पेस के लिए रवाना हो चुके हैं. इसी के साथ वह पहले भारतीय बन गए हैं, जो किसी ISS जैसे हाईटेक स्पेस मिशन का हिस्सा बने हैं. उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ के रहने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की शिक्षा दीक्षा भी लखनऊ से ही हुई हैं. बाद में यूपीएससी के तहत NDA की परीक्षा उत्रीण की और भारतीय वायु सेना के हिस्सा बन गए.
एनडीए में सिलेक्शन के बाद शुभांशु शुक्ला साल 2006 में भारतीय वायुसेना में पायलट बने और अब तक उन्होंने 2000 घंटे से भी अधिक समय तक फाइटर जेट्स उड़ाने का अनुभव हासिल कर चुके हैं. उन्होंने बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से M.Tech की डिग्री हासिल करने के बाद रिसर्च गतिविधियों में ज्यादा रूचि ली. इसकी वजह से उन्हें साल 2019 में भारत के गगनयान मिशन के लिए चुना गया. इसके बाद उन्हें भारत और रूस में अलग अलग तरह के कई प्रशिक्षण हासिल किया और आखिरकार उनकी मेहनत अब रंग लायी है.
सीएमएस स्कूल में जश्न का माहौल
इस मौके पर खुशी से सराबोर शुभांशु की मां आशा शुक्ला और पिता शम्भू दयाल शुक्ला ने बताया कि शुभांशु बचपन से ही मेधावी थे. उनकी पढ़ाई लखनऊ में सीएमएस स्कूल में हुई. इस मौके पर सीएमएस स्कूल प्रबंधन ने उनकी उड़ान का लाइव प्रोग्राम आयोजित किया है. इस मौके पर स्कूल में जश्न का आयोजन किया गया है. उनके पिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस मिशन में शुभांशु को स्पेस में भेजने का पूरा खर्च भारत सरकार वहन करेगी. इसके लिए उन्हें अलग से ना तो कोई अतिरिक्त सैलरी मिलेगी और ना ही कोई मानदेय मिलेगा.
14 दिन का है मिशन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुभांशु शुक्ला का यह मिशन 14 दिनों का है. इसके लिए भारत सरकार ने अमेरिकी प्राइवेट स्पेस कंपनी Axiom Space के साथ करार किया है. भारत सरकार ने इस मिशन के लिए कंपनी को करीब 548 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इसमें शुभांशु की ट्रेनिंग से लेकर यात्रा, स्पेस सूट, रिसर्च किट समेत अन्य जरूरी आवश्यकता की चीजें शामिल हैं. 14 दिन स्पेस में रहने के दौरान वह 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे. इसमेंमाइक्रोग्रैविटी में इंसान के शरीर पर असर, स्पेस फूड टेस्टिंग, बायो रिसर्च आदि शामिल हैं.
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