लखनऊ के फ्लैट में ठगी का कॉलसेंटर, गेमिंग ऐप से बनाते थे शिकार; ऐसे पकड़ा गया अंतरराष्ट्रीय जालसाजों का अड्डा

लखनऊ में एक अंतर्राष्ट्रीय ठगी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने एक फ्लैट से 15 लोगों को गिरफ्तार किया है जो ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए श्रीलंका, दुबई, सिंगापुर और अमेरिका में लोगों को निशाना बनाते थे. इस गिरोह ने महज एक साल में करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया है. पुलिस ने कई मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं.

ठगी के कॉल सेंटर का खुलासा करती लखनऊ पुलिस

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बैठकर श्रीलंका, दुबई, सिंगापुर और अमेरिका आदि देशा में ठगी का नेटवर्क चला रहे एक अंतराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा हुआ है. लखनऊ की साइबर क्राइम पुलिस ने एक फ्लैट में संचालित ठगी के कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए इस गिरोह के 15 सदस्यों को धर दबोचा है. पुलिस की जांच में पता चला कि यह गिरोह हाल में एक्टिव हुआ है और इतनी ही अवधि में देश विदेश के 1000 से अधिक लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे चुका है. इस गिरोह के जालसाज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन गेमिंग, सट्टा और निवेश के नाम पर ठगी करते थे.

पुलिस ने इन जालसाजों के ठिकाने से 70 मोबाइल फोन, 115 एटीएम कार्ड, 38 सिम कार्ड और भारी मात्रा में अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं. इस कॉलसेंटर के भंडाफोड़ और पूरे गिरोह के खुलासे के बाद डीजीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. डीसीपी क्राइम कमलेश कुमार दीक्षित के मुताबिक PGI थाना क्षेत्र के अपार्टमेंट पेंटहाउस में कुछ संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी. इस सूचना को पुलिस ने वेरिफाई किया, इसमें पता चला कि यहां एक ही फ्लैट में 50 से अधिक फोन एक्टिव हैं. पता चला कि यहां रह रहे लोगों की गतिविधियां भी संदिग्ध हैं.

15 जालसाज अरेस्ट

इस इनपुट पर पुलिस ने फ्लैट में दबिश देकर वहां मौजूद 15 लोगों को हिरासत में लिया. इस दौरान पुलिस वहां डिजिटल उपकरणों को देखकर हैरान रह गई. आरोपियों से पूछा तो पता चला कि यह एक तरह से ठगी का कॉलसेंटर है, जहां से ये लोग देशी विदेशीनागरिकों को जाल में फंसा कर ठगी करते थे. इसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को अरेस्ट करते हुए कॉल सेंटर में मौजूद सारे उपकरण और गैजेट्स जब्त कर लिए हैं.

इस ऐप से करते थे ठगी

डीसीपी क्राइम के मुताबिक इस गिरोह के जालसाज एक अन्ना रेड्डी नामक गेमिंग ऐप के माध्यम से लोगों को जाल में फंसाते और फिर उन्हें गेम में अगले चरण को खेलने के नाम पर पैसे लगवाते थे. आरोपी लोगों को इस ऐप में मोटे मुनाफे का लालच देकर उनसे निवेश भी कराते थे. शिकार यूजर्स से पैसा फर्जी आईडी से बनाए गए बैंक खातों में मंगाई जाती थी. इसके बाद इस पैसे का कई देशों में बैठे लोगों को ट्रांसफर किया जाता था. पुलिस के मुताबिक ये जालसाज पूरे गेम को अपने कंट्रोल में रखते थे. इसमें लोगों को जीतने का खूब मौका देते थे और फिर शिकार एक बार फंस जाता तो सारा पैसा उड़ा लेते थे.

दर्जनों एकाउंट हो चुके हैं फ्रीज

आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि अब तक उन लोगों ने हजारों लोगों के साथ ठगी की है. कई लोगों ने पुलिस में शिकायत भी दी है. इन शिकायतों पर पुलिस ने उनके दर्जनों एकाउंट सीज कर दिए. ऐसे में इन लोगों ने तत्काल दूसरे एकाउंट खुलवाए और गेम को जारी रखा. आरोपी अपने मोबाइल और सिमकार्ड भी लगातार बदलते रहते थे. आरोपियों ने बताया कि अब तक उन लोगों ने करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया है.

श्रीलंका में बैठा है गिरोह का मास्टर माइंड

पुलिस के मुताबिक ठगी के इस इस गिरोह का मास्टर माइंड विशाल यादव उर्फ गन्नी उर्फ प्रिंस है. यह जालसाज फिलहाल श्रीलंका में बैठकर ऑपरेट कर रहा है. वह भी कभी श्रीलंका तो कभी सिंगापुर और दुबई, लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहता है. पुलिस ने बताया कि छापेमारी के दौरान आरोपियों ने मौके से भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस पहले ही पूरी बिल्डिंग को घेर कर खड़ी थी, इसलिए इन्हें मौका नहीं मिला. हालांकि पकड़े गए आरोपियों में ज्यादातर कर्मचारी हैं. इन्हें तनख्वाह और इंसेंटिव का लालच देकर हॉयर किया गया था.