ईरान-इजराइल तनाव: मौलाना कल्बे जवाद का अमेरिका पर तीखा हमला, भारत की नीति पर भी उठाया सवाल
लखनऊ के शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने ईरान पर हमले को लेकर अमेरिका और इजरायल की कड़ी निंदा की है. उन्होंने इस घटना को तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत बताते हुए भारत की नीति पर भी सवाल उठाया. मौलाना ने अमेरिका को सबसे बड़ा धोखेबाज और इजरायल को उसका चमचा करार दिया है.

लखनऊ: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर लखनऊ के प्रमुख शिया धर्मगुरु मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नकवी ने तीखा बयान दिया है. उन्होंने इजरायल और अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों देशों ने ईरान के साथ धोखा किया है. मौलाना जवाद ने इस तनाव को तीसरे विश्व युद्ध के समान बताते हुए भारत सरकार से भी अपनी तटस्थता की नीति पर पुनर्विचार करने की अपील की है.
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा, ‘अमेरिका और इजरायल ने बहुत बड़ा धोखा दिया है. ईरान बातचीत कर रहा था, लेकिन अमेरिका ने इजरायल के जरिए हमला करवाया. अमेरिका से बड़ा धोखेबाज कोई नहीं, और इजरायल उसका चमचा है.’ उन्होंने भारत के तटस्थ रुख पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘जो देश अपने आप को न्यूट्रल कह रहा है, वह वास्तव में जालिमों का साथ दे रहा है. तटस्थता अत्याचारियों का समर्थन है. हम भारत के प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि अगर वह वाकई न्यूट्रल हैं, तो इस धोखे को खत्म करें, जालिमों की निंदा करें और उनके साथ संबंध खत्म करें. यही असली तटस्थता है.’
इजरायल का अंत निकट है- मौलाना सैय्यद नकवी
मौलाना जवाद ने ईरान पर इजरायल के कथित हमले की कड़ी निंदा की और इसे क्षेत्र में तनाव बढ़ाने और तीसरे विश्व युद्ध को भड़काने का प्रयास बताया. उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामनेई के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, ‘हम इस हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईरान के साथ खड़े हैं, जो अकेला अमेरिका और इजरायल का मुकाबला कर रहा है.’
उन्होंने यह भी दावा किया कि इजरायल का अंत निकट है और ईरान का जवाब निर्णायक होगा. मौलाना ने मुस्लिम देशों की चुप्पी पर भी नाराजगी जताई, कहते हुए कि केवल ईरान ही इजरायल और अमेरिका के खिलाफ खड़ा है, जबकि अन्य मुस्लिम देशों में इतनी हिम्मत नहीं है कि वे इनके खिलाफ एक शब्द भी बोल सकें.
मौलाना के बयान ने अगल चर्चा को दिया जन्म
यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल ने ईरान के नतांज क्षेत्र में यूरेनियम संवर्धन स्थल पर हवाई हमले की बात कही है, जिसे उसने ईरान की परमाणु हथियार क्षमता को कम करने के लिए जरूरी बताया. दूसरी ओर, मौलाना जवाद ने इस हमले को क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बताया और इसे मानवता के खिलाफ कदम करार दिया.
लखनऊ में मौलाना के इस बयान ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है. उनके समर्थकों ने इस बयान का स्वागत किया है, जबकि कुछ लोग इसे भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाने वाला मान रहे हैं. मौलाना जवाद लंबे समय से सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं, और उनका यह बयान भी उनके कट्टर रुख को दर्शाता है.
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