‘इंटरपास बाबू को रजिस्ट्रार बना दिया’, करप्शन के आरोप के बाद सब-रजिस्ट्रार और बाबुओं के तबादले निरस्त
उत्तर प्रदेश सरकार ने करप्शन पर बड़ा एक्शन लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्टांप व पंजीयन विभाग के सब-रजिस्ट्रार और बाबुओं का तबादला रद्द कर दिया गया और जांच बैठा दी गई है. बीते दिनों ही विभाग के आईजी समीर वर्मा ने 200 से अधिक सब-रजिस्ट्रार और बाबुओं का तबादला किया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टांप व रजिस्ट्रेशन विभाग में हुए 200 से अधिक सब रजिस्ट्रार और बाबुओं के तबादलों को निरस्त कर दिया है. साथ ही विभाग के आईजी समीर वर्मा के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं. स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि विभाग में तबादलों के नाम भ्रष्टाचार हुआ है, इसकी शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रांसफर और नियुक्तियों को रद्द कर दिया है और जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं.
गौरतलब है कि स्टांप व पंजीयन विभाग के आईजी समीर वर्मा ने हाल में ही 114 कनिष्ठ सहायक निबंधक, 58 उपनिबंधक (सब रजिस्ट्रार) और 29 नव प्रोन्नत उपनिबंधक (सब रजिस्ट्रार) का तबादला कर दिया था. इन तबादलों पर सवाल उठ रहे थे और आरोप लग रहा था कि लाखों रुपये लेकर बिना मेरिट के आधार पर तबादला कर दिया. इसकी शिकायत विभागीय मंत्री रवींद्र जायसवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी, जिस पर सीएम योगी ने कड़ा एक्शन लिया है.
मंत्री रवींद्र जायसवाल ने गुरुवार को कहा, ‘सीएम योगी आदित्यनाथजी ने तबादलों में पारदर्शिता बरतने का निर्देश दिया था और कहा था कि किसी भी कीमत पर बिना मेरिट के आधार पर तबादला नहीं होना चाहिए, लेकिन मेरे विभाग में जो भी बाबुओं और सब रजिस्ट्रार का तबादला हुआ, वह गलत हुआ… संबंधित अधिकारियों ने बिना सहमति के सारे तबादले कर दिए… यह मामला सीएम योगी आदित्यनाथ के पास गया, फिर सारे तबादले निरस्त कर दिए गए हैं.’
मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा, ‘जिन सबरजिस्ट्रार और बाबुओं के खिलाफ शिकायत थी, उन्हें भी बड़े जिलों में भेज दिया गया… यहां तक कि एक इंटरपास बाबू को रजिस्ट्रार बनाकर बड़े जिले का चार्ज दे दिया गया… बिना मेरिट के आधार पर तबादले कर दिए… मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले में जांच बैठा दिया है और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक्शन होगा.. यह सभी तबादले आयुक्त के माध्यम से किए गए थे और इनमें बड़ी शिकायत मिल रही थी.’