सुभारती यूनिवर्सिटी की बड़ी लापरवाही, 375 बोरों में रखी उत्तर पुस्तिकाएं चोरी, 3 महीने बाद पुलिस को दी सूचना
मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी में 375 बोरों में रखी गई उत्तर पुस्तिकाएं चोरी हो गई हैं. यूनिवर्सिटी ने तीन महीने तक चोरी की वारदात को छिपाए रखा, लेकिन अब पुलिस में शिकायत की गई है. यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि उत्तर पुस्तिकाएं 14 मार्च से 16 मार्च के बीच चोरी हुई हैं. फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी में 375 बोरों में रखी गई उत्तर पुस्तिकाएं गायब होने का मामला सामने आया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में तीन महीने बाद पुलिस को सूचना दी. यह घटना यूनिवर्सिटी की लापरवाही दिखाती है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस ने भी मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है .
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है. बताया जा रहा है कि सुभारती विश्वविद्यालय के भंडारण कक्ष से 14 मार्च को 375 बोरे उत्तर पुस्तिकाएं और 2700 सेल्फ लर्निंग मटेरियल चोरी हो गए थे. 3 महीने बाद तक विश्वविद्यालय की तरफ से कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए . हालांकि देरी का कारण यूनिवर्सिटी ने विभागीय जांच को बताया है. लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि ये विभागीय जांच को इतना समय क्यों लगा?
कई सीसीटीवी होने के बाद भी कोई सबूत नहीं
सुभारती यूनिवर्सिटी में सुरक्षा के लिहाज से चप्पे -चप्पे पर कई सीसीटीवी और गार्ड्स को लगाया गया है. लेकिन न तो सीसीटीवी और न ही गार्ड्स के माध्यम से सुभारती यूनिवर्सिटी ये पता लगा पाई कि ये उत्तर पुस्तिकाएं और 2700 सेल्फ लर्निंग मटेरियल कहां चले गए? बताया जा रहा है कि 14 मार्च को ये चोरी हुई थी और इसका पता 18 मार्च को चल पाया.
कुल सचिव ने कराई शिकायत
सुभारती यूनिवर्सिटी के कुल सचिव मोहम्मद याकूब ने पुलिस को इससे जुड़ी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 14 मार्च से 16 मार्च के बीच ये चोरी हुई है. इससे पहले पुरानी सेल्फ लर्निंग मटेरियल और उत्तर पुस्तिकाएं भंडारण कक्ष में बंद कर दिया गया था. ये मटेरिटल कई लाखों की कीमत का है जो कि पेपर मिल में बेचा जा सकता है.
ऑनलाइन कराई एफआईआर
पुलिस ने बताया कि सुभारती के कुल सचिव के द्वारा ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस मामले में जांच की जा रही है. उन्होंने चोरी की घटना को कई महीने पुराना बताया है. अब देखना यह है कि पुलिस जांच में क्या कुछ सामने आता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है.