प्रयागराज का वो गांव, जहां 14 यादव करते हैं सारे कर्मकांड, नाम के आगे लिखते हैं यादवाचार्य

इटावा कांड के बाद जहां एक तरफ बहस छिंड़ गई है कि पूजापाठ और कथा करने का अधिकार आखिर है किसको. वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज में एक ऐसा गांव है, जहां कथा से लेकर शादी तक सभी कर्मकांड ब्राह्मण नही बल्कि यादव बिरादरी के लोग ही कराते है. आखिर यहां पूजापाठ कराने के लिए लोग ब्राह्मणों के मोहताज क्यों नही है. पूरी कहानी विस्तार से बताते हैं.

सभी कर्मकांड कराते हैं यादव

यूपी के इटावा में यादव कथावाचकों की पिटाई के बाद जहां एक तरफ इस मसले पर जमकर सियासत हो रही है, तो वहीं ये मुद्दा भी जोर पकड़ रहा है कि आखिर कोई गैर ब्राह्मण कथा कर सकता है या नहीं. हांलाकि इसे लेकर बहस जारी है, लेकिन इसी बीच प्रयागराज में एक ऐसा भी गांव है, जहां पूरे इलाके में ब्राह्मण नही बल्कि 14 यादवाचार्य कथा करते हैं.

इसके अलावा उन्होंने बाकायदा इसका बोर्ड लगा रखा है और उसपर अपने मोबाइल नंबर लिख रखे हैं. जिसे भी कथा या कोई धार्मिक कर्मकांड करवाना होता है, वे लोग इन यादव पंडितों से संपर्क करते है.

फोटो हुई वायरल

हांलाकि ये कथावाचक काफी वक्त से कर्मकांड करवा रहे हैं, लेकिन इटावा कांड के बाद ये खासतौर से सोशल मीडिया पर लाइमलाइट में आ गए. कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर कथा वाचकों से जुड़ी एक बोर्ड की फोटो वायरल हुई. इसमें 14 यादवाचार्यों के नाम और उनके मोबाइल नंबर लिखे हुए है. जब हमने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि ये फोटो प्रयागराज के बहरिया इलाके की है.

यादवाचार्य बोले किसी को एतराज नहीं

इस बोर्ड पर पूजा पाठ कराने वाले यादव आचार्यों के नाम और उनकी जाति पहचान लिखी गई है. बोर्ड पर लिखा गया है कि शादी-विवाह, गृह प्रवेश, जन्म-मृत्यु संस्कार करवाने वाले आचार्यों के नाम व मोबाइल नंबर. जिस गांव में ये बोर्ड लगा है, उसका नाम है सिधौली. यहां करीब हर दूसरे घर में यादव कथावाचक है. उनका कहना है इसे लेकर इलाके में किसी को कोई एतराज नहीं है.

ली है आचार्य की डिग्री

ये अपने नाम के आगे यादवाचार्य लिखते हैं. यादवाचार्य हरिश्चन्द्र यादव के मुताबिक वे पिछले 20 सालों कर्मकांड, अनुष्ठान और सत्यनारायण की कथा करा रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्व विद्यालय से आचार्य की डिग्री भी ली है. इसलिए उन्हें कर्मकाण्ड का ज्ञान है वे सभी कर्मकांड कराते हैं लेकिन भागवत कथा नहीं करते है.