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नाग-नागिन करते हैं यहां हर साल पूजा, दैत्यगुरु के सपने से बना ये शिवमंदिर कहां है?
यूं तो महादेव की पूजा पूरे साल मंदिरों और घरों में होती है, लेकिन सावन के महीने में इसका खास महत्व है. ऐसे में आज हम कानपुर के एक ऐसे मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जहां मान्यता है कि इच्छाधारी सांपों का जोड़ा आकर पूजा करता है.
सावन के महीने में कानपुर के एक शिव मंदिर में भगवान शिव के साथ नाग देवता की पूजा भी होती . यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है. ऐसी मान्यता है कि यहां इच्छाधारी सांपों का जोड़ा रहता है.
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कानपुर के मॉल रोड के बगल में पटकापुर में भगवान शिव का खेरेपति मंदिर स्थित है. यह माना जाता है कि यह मंदिर 200 साल से भी ज्यादा पुराना है.
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ऐसी मान्यता है कि दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने अपनी बेटी देवयानी का विवाह राजा आदित्य से कराया था. फिर वो एक बार अपनी बेटी से मिलने जा रहे थे तो यहीं खेरेपति मंदिर के पास वो थक कर सो गए.
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सोते समय ही उन्हें सपना आया और सपने में उनको शेषनाग ने दर्शन दिए और यहां शिव मंदिर बनाने की बात कही. उसके बाद इस मंदिर की स्थापना हुई थी. इस मंदिर में पूजा करने से यहां कालसर्प का दोष ठीक हो जाता है.
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भक्तों की मान्यता है कि इस मंदिर की रक्षा इच्छाधारी नाग नागिन का जोड़ा करता है. सावन के महीने में किसी भी एक सोमवार को इच्छाधारी सांपों का जोड़ा यहां आता है और शिवलिंग के दर्शन करने के बाद पूजा करके चला जाता है. यहां पर सावन के अलावा भी नाग देवता की पूजा की जाती है.