जुमे की नमाज से पहले बरेली में प्रशासन का बड़ा एक्शन, 48 घंटे के लिए जिले में इंटरनेट बंद; MMS भी नहीं चलेगा
बरेली में मौजूदा माहौल को देखते हुए प्रशासन ने जुमे की नमाज से पहले इंटरनेट सेवा 48 घंटे के लिए बंद कर दिया है. इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार में गृह सचिव ने आदेश जारी किया है. सरकार ने यह कदम एहतियातन उठाया है. इस दौरान पुलिस को भी अलर्ट रहने को कहा गया है.

बरेली में जुमे की नमाज से पहले प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है. पिछले जुमे पर नमाज के बाद हुई हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करने के आदेश दिए हैं. इस संबंध में गृह विभाग के सचिव गौरव दयाल ने आदेश जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि डाटा के साथ एसएमस सर्विस भी पूर्णतया बंद रहेगी. सरकार को आशंका है कि इस बार भी जुमे की नमाज के दौरान बरेली में बवाल हो सकता है. इस आशंका के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाते हुए सरकार ने 2 अक्टूबर की शाम 3 बजे से 4 अक्टूबर की शाम 3 बजे तक इंटरनेट बंद करने के आदेश दिए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान ना तो मोबाइल इंटरनेट चलेगा और ना ही ब्रॉडबैंड या अन्य मैसेज सेवाएं ही सक्रिय रहेंगी. गृह विभाग के गोपनीय अनुभाग-3 ने जारी आदेश में साफ तौर पर लिखा है कि सोशल मीडिया और मैसेजिंग सिस्टम के दुरुपयोग की आशंका है. इन सेवाओं के का इस्तेमाल अराजक तत्व अफवाह फैलाने में कर सकते हैं. इससे शहर का अमनचैन बिगड़ सकता है. ऐसे हालात में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है.
सरकार ने दिया ये तर्क
उत्तर प्रदेश में गृह सचिव गौरव दयाल ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. इसमें उन्होंने जिक्र किया है कि पिछले दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप और टेलीग्राम पर अफवाहें फैलाई गई. कई बार इन माध्यमों के जरिए छोटी-छोटी बातों को भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर दिया जाता है. इससे सामाजिक और साम्प्रदायिक तनाव का खतरा पैदा हो जाता है. ऐसी स्थिति में सरकार ने तय किया है कि बरेली में 48 घंटे तक मोबाइल डेटा के अलावा ब्रॉडबैंड और SMS व एमएमएस संदेश सेवा को ठप रखा जाएगा.
शांति बनी रही तो फिर शुरू होगी सेवा
गृह सचिव ने अपने आदेश में बताया कि इन 48 घंटों के अंदर जिले में शांति कायम रही तो यह सेवाएं दोबारा से शुरू हो जाएंगी. लेकिन यदि कहीं कोई गड़बड़ी का मामला सामने आया तो इस संबंध में विचार किया जाएगा. सरकार ने यह फैसला भारतीय तार अधिनियम 1885 की धारा 7 और टेलीकॉम सेवाओं के अस्थायी निलंबन नियम 2017 के तहत लिया है. इसी क्रम में प्रशासन लोगों से अपील की है कि वो किसी भी तरह के अफवाहों पर ध्यान ना दें.