इन महिला शिक्षिकाओं को भी मिल सकेगी 6 महीने की मैटरनिटी लीव, दशहरा पर योगी सरकार का तोहफा
संविदा पर काम कर रहीं संस्कृत की शिक्षिकाओं को अब तक सिर्फ 10 दिन का आकस्मिक अवकाश मिलता था. ऐसे में सरकार का मातृत्व अवकाश का निर्णय इन महिला शिक्षकों को बड़ी राहत पहुंचाएगा.

उत्तर प्रदेश सरकार ने संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर पढ़ाने वाली महिला शिक्षकों को दशहरा का तोहफा दिया है. सरकार की तरफ से अब इन महिला शिक्षकों को 6 महीने का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा. महिला शिक्षको ये अवकाश मानदेय के साथ मिलेगा.
माध्यमिक शिक्षा विभाग अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने ये आदेश जारी किया है. उन्होंने अपने आदेश में कहा कि शिक्षा निदेशक, माध्यमिक के प्रस्ताव पर यह फैसला किया गया है. अब तक मानदेय पर काम कर रहीं संस्कृत की शिक्षिकाओं को सिर्फ 10 दिन का आकस्मिक अवकाश मिलता है. ऐसे में सरकार का ये निर्णय पर मातृत्व लाभ लेने जा रही महिला शिक्षकों को बड़ी राहत देगा.
बार-बार अनुपस्थिति पर सेवा समाप्त करने का था प्रावधान
बता दें अब तक अनधिकृत अनुपस्थिति पर मानदेय रोकने का प्रावधान था. इसके अलावा बार-बार अबसेंट रहने पर सेवा समाप्त भी किया जा सकता था. लेकिन अब सरकार का इस फैसले से महिला शिक्षकों के लिए मातृत्व अवकाश लेने का रास्ता साफ कर दिया है.
साल 2021 में संविदा पर शिक्षकों की हुई थी भर्ती
अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षकों को इसका सही तरीके से पालन कराने का निर्देश दिया है. बता दें कि संस्कृत विद्यालयों में नियमित शिक्षक नहीं होने पर पठन-पाठन प्रभावित हो रहा था. ऐसे में साल 2021 में सरकार की तरफ से संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर शिक्षकों की भर्ती की गई थी.
संस्कृत शिक्षकों का इस साल बढ़ा था मानदेय
बता दें कि इसी साल 25 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में प्रदेश सरकार ने संस्कृत के शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की थी. हाई स्कूल के शिक्षकों का मानदेय 12 से 20 हजार कर दिया गया था. वहीं, इंटरमीडियट के संस्कृत शिक्षकों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया था.