शिव जी के इस मंदिर में पार्वती नहीं गायत्री माता की होती है पूजा, क्या है वजह?
वैसे तो पूरे देश में भगवान शिव के हजारों मंदिर मौजूद हैं. इन मंदिरों में पार्वती भी विराजमान रहती हैं. लेकिन मथुरा में एक ऐसा मंदिर भी है, जिसमें शिव के साथ पार्वती नहीं बल्कि माता गायत्री विराजमान हैं. ऐसा कैसे है और इस मंदिर में क्या है खास. आपको बताते हैं.
वैसे तो देश में हजारों शिवालय मौजूद हैं, लेकिन मथुरा के गर्तेश्वर महादेव मंदिर का अलग ही महत्व है. ये मंदिर अपनी खास वजहों के कारण जाना जाता है.
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मथुरा के गोविंद नगर में स्थित गर्तेश्वर महादेव मंदिर एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां शिवजी के साथ माता पार्वती नहीं, बल्कि माता गायत्री शक्ति रूप में विराजमान हैं. ये मंदिर कृष्ण जन्मभूमि के पास स्थित है. इसके अलावा ये अपनी खास मान्यताओं की वजह से जाना जाता है.
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गर्तेश्वर महादेव मंदिर में माता गायत्री को शिव के दाहिने ओर विराजमान देखा जा सकता है. पारंपरिक शिव मंदिरों से अलग, यहाँ माता पार्वती की जगह माता गायत्री की पूजा होती है. ये एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां ऐसा होता है.
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शिव मंदिरों में आमतौर पर महादेव के सामने नंदी की मूर्ति होती है, लेकिन गर्तेश्वर महादेव मंदिर में नंदी की प्रतिमा नहीं है. इस विशेषता के कारण ये मंदिर अद्वितीय माना जाता है. इसी वजह से इसकी धार्मिक मान्यता भी ज्यादा है.
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मंदिर में सेवा करने वाले पुजारी महेन्द्र शर्मा के बताते हैं कि ये स्थल हजारों साल पुराना है. ये अपनी तरह का एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है. वे माता गायत्री की पूजा की वजह हजारों सालों की परंपरा को बताते हैं. मंदिर का पौराणिक महत्व इसे एक विशेष धार्मिक स्थल बनाता है.
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पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी स्थान पर भगवान राम के छोटे भाई शत्रुघ्न ने लवणासुर नामक राक्षस को पराजित करने के लिए गर्तेश्वर महादेव की पूजा की थी. इसी वजह से ये मंदिर तप और विजय का भी प्रतीक माना जाता है.