चिंताहरण महादेव मंदिर, माता यशोदा ने की थी भगवान शिव की पूजा; श्रीकृष्ण से जुड़ी है कहानी
मथुरा के गोकुल में स्थित चिंताहरण महादेव मंदिर को लेकर अलौकिक मान्यताएं हैं. इसकी कहानी भगवान कृष्ण के बचपन की एक प्रसिद्ध घटना से जुड़ी है. जब माता यशोदा श्रीकृष्ण से परेशान होकर भगवान शिव की पूजा की थी. इसका उल्लेख शिव महापुराण और श्रीमद्भागवत में भी मिलता है
चिंताहरण महादेव मंदिर, मथुरा के गोकुल में स्थित हैं. इसकी कहानी भगवान कृष्ण के बचपन की एक प्रसिद्ध घटना से जुड़ी है. जहां माता यशोदा ने अपने लाला की एक हरकत से परेशान होकर भगवान शिव की पूजा की थी.
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चिंताहरण महादेव मंदिर, मथुरा के गोकुल में स्थित हैं. इसकी कहानी भगवान कृष्ण के बचपन की एक प्रसिद्ध घटना से जुड़ी है. जहां माता यशोदा ने अपने लाला की एक हरकत से परेशान होकर भगवान शिव की पूजा की थी.
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इसका उल्लेख गर्ग संहिता, शिव महापुराण और श्रीमद्भागवत में भी मिलता है. ये शिवलिंग अद्भुत है. यहां एक शिवलिंग पर 1108 शिवलिंग का आकृतियां उभरी हुई हैं. अब यहां दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.
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मंदिर के पुजारी अनिल पांडेय ने यहां की मान्यता के बारे में बताया कि जब कृष्ण बाल रूप में थे और मां यशोदा कृष्ण के मुंह में ब्रह्मांड देखकर चिंतित थी. तभी यशोदा ने कृष्ण को यहां लाकर भगवान शिव के दर्शन कराए थे.
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कहा जाता है कि बचपन में श्रीकृष्ण माटी खा जाते थे. मां यशोदा ने उन्हें मुंह खोलने को कहा तो पूरी ब्रह्मांड दिखने लगा. इसे देख माता चिंता में पड़ गईं और भगवान शिव को पुकारने लगीं. मां यशोदा की पुकार सुन भगवान शिव प्रकट हुए थे.
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माता यशोदा ने यमुना नदी से एक लोटा जल से भगवान शिव का जलाभिषेक कर अपनी चिंता का कारण बताया. तब भगवान शिव ने माता यशोदा से कहा कि यह कोई साधारण बालक नहीं हैं. यह खुद संसार को रचने वाले हैं.
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भगवान शिव से यह सुनकर मां यशोदा की चिंता दूर हुई, फिर उन्होंने भगवान शिव से यहां विराजमान होकर सभी भक्तों की चिंताएं हरने का वचन मांगा. तब भगवान ने वचन दिया कि यहां पर जल चढ़ाने भक्तों की चिंताए दूर हो जाएंगी.