मरीन ड्राइव से लेकर गीता प्रेस तक…गोरखपुर जा रहे हैं तो इन 5 जगहों पर जरूर जाएं

गोरखपुर यानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद अगर आप जा रहे हैं तो आपको पांच खूबसूरत स्थानों पर जरूर जाना चाहिए. गुरु गोरक्षनाथ के नाम से प्रसिद्ध गोरखपुर में मकर संक्रांति पर लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. किसलिए. तो इसकी वजह है गुरु गोरखनाथ बाबा को खिचड़ी […]

गोरखपुर की घूमने वाली जगहें

गोरखपुर यानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद अगर आप जा रहे हैं तो आपको पांच खूबसूरत स्थानों पर जरूर जाना चाहिए. गुरु गोरक्षनाथ के नाम से प्रसिद्ध गोरखपुर में मकर संक्रांति पर लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. किसलिए. तो इसकी वजह है गुरु गोरखनाथ बाबा को खिचड़ी चढ़ाना.

इस दौरान एक महीने तक चलने वाले मेले का सभी लुफ्त उठाते हैं. वहीं, विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस भी गोरखपुर ही में मौजूद है. यहां की छपी पुस्तकों की डिमांड देश ही नहीं विदेश में तक में हैं. वहीं, योगी आदित्यनाथ ने जब उत्तर प्रदेश के सीएम पद की कुर्सी संभाली, तब से गोरखपुर में कई ऐसे काम हुए हैं, जो लोगों को गोरखपुर खींच रही है.

पहला – गोरखनाथ मंदिर

गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से पर्यटन का प्रमुख केंद्र हैं. यहां पर यूपी, बिहार, उत्तराखंड दिल्ली सहित कई राज्यों के लोग आते हैं. इतना ही नहीं, बगल के देश नेपाल में भी गुरु गोरखनाथ पूजे जाते हैं. मकर संक्रांति पर नेपाल के राजा की भेजी हुई खिचड़ी गोरखनाथ बाबा को चढ़ाया जाता है. और उसके बाद मंदिर के पट को श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है. मकर संक्रांति पर यहां 5 से 6 लाख श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाने आते हैं. यहां मान्यता है कि ज्वाला देवी के स्थान से भ्रमण करते हुए गुरु गोरखनाथ ने आकर भगवती राप्ती के तट पर तपस्या की थी और उसी स्थान पर अपनी दिव्य समाधि लगाई थी, आज की तारीख में इसी जगह गोरखनाथ मंदिर बना है. यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से गुरु गोरखनाथ की जीवनी के बारे में दिखाया जाता है.

दूसरा – रामगढ़ताल

गोरखपुर शहर से दक्षिण पूर्वी छोर पर स्थित रामगढ़ताल यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. रामगढ़ताल 1700 एकड़ में फैला हुआ है. ये पूर्वांचल का मरीन ड्राइव बन चुका है. इसे देखने के लिए दूर दराज से लोग यहां आते है. शाम होते ही ताल का नजारा सुहाना हो जाता है. यहां लाइट एंड साउंड शो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. यहां पर आने वाले लोग क्रूज और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का लुफ्त भी उठाते हैं. रविवार को यहां पर काफी भीड़ रहती है.

तीसरा – गीता प्रेस

गोरखपुर स्थित विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस हिंदू धर्म से जुड़ी पुस्तकों को प्रकाशित करने का दुनिया का प्रमुख केंद्र है. साल 1923 में इसकी नींव जयदयाल गोयनका और घनश्याम दास जालान ने रखी थी. यहां से प्रकाशित पुस्तक भारतवर्ष ही नहीं विश्व में भेजी जाती है. गीता प्रेस ने गीता और इसकी व्याख्याओं, पवित्र महाकाव्य रामायण, महाभारत, पुराण, उपनिषद, विभिन्न संतों और गुरुओं की रचनाओं को प्रकाशित किया है. यहां आने वाले लोग धार्मिक पुस्तक, ग्रंथ आदि देख और खरीद सकते हैं.

चौथा – अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर)

गोरखपुर के सहारा स्टेट रोड पर मौजूद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान गोरखपुर में पर्यटकों के आकर्षण की अहम जगह है. यहां पूर्वांचल के कोने कोने से लोग चिड़ियाघर आते हैं. यहां पर शेर, चीता, सफेद बाघ, हिरन समेत बहुत से पशु-पक्षी मौजूद हैं. चिड़ियाघर में 40 प्रजाति के 225 वन्य जीव मौजूद हैं. गोरखपुर का चिड़ियाघर 34 एकड़ के विशाल वेटलैंड वाला पहला चिड़ियाघर है. यहां पर 60 से अधिक पेड़, पौधे, झाड़ियों के प्रजातियों को संरक्षित किया गया है. गोरखपुर चिड़ियाघर मे 48 सीटर 7–D थिएटर भी है, इस थिएटर शो के दौरान बारिश, बिजली, बुलबुल, धुएं और कोहरे आदि का एहसास होता है.

पांचवा – कुसम्ही वन (जंगल)

गोरखपुर रेलवे स्टेशन से महज 9 किलोमीटर की दूरी पर कुसम्ही जंगल स्थित है. इस घने जंगल के बीच में प्रसिद्ध बुढ़िया माई का मंदिर है. इस मंदिर की विशेषता दूर-दूर तक प्रसिद्ध है, यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर मंदिर में पूजा पाठ करने जाते हैं. यहां पर प्राकृतिक, धार्मिक लिहाज से महत्वपूर्ण स्थल पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. इस जंगल के अंदर विनोद वन पार्क है जहां कुछ वन्य जीव भी हैं. यहां जाने वाले पर्यटक वन्य जीवों को देख कर उसका आनन्द उठा सकते है.