यूपी का रहस्यमयी किला, जहां पूरी बारात हो गई थी गायब; लोग कहते हैं भूतों का बसेरा
उत्तर प्रदेश में एक रहस्यमयी किला स्थित है. इसकी सबसे चर्चित कहानी एक बारात के अचानक गायब होने की है, जिसके बाद इसे भूतिया माना जाने लगा. मुग़ल काल में बना यह किला अब खंडहर में बदल चुका है.
चंदौली का हेतमपुर किला 400 साल पुराना एक रहस्यमयी स्थान है. इसकी सबसे चर्चित कहानी एक बारात के अचानक गायब होने की है.
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मुग़ल काल में बना यह किला अब खंडहर में बदल चुका है, जिसमें कई सुरंगें और भूलभुलैया जैसे रास्ते हैं. ग्रामीण आज भी इसकी कहानियां बताते हैं.
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यूपी के चंदौली जिले में स्थित इस किले को मुग़ल काल के दौरान कुर्र भाइयो द्वारा बनाया गया था. लेकिन अब इस किले को भूतिया माना जाने लगा है.
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लोक कथा के अनुसार, एक बार एक बारात इस किले में रुकी थी. ऐसा माना जाता है की बारात रास्ते में भटक गई, फिर कभी बाराती वापस नहीं आएं.
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किला भूल भुलैया जैसा है, इसमें कई रास्ते हैं. बराती की घटना के बाद से लोग इसे भूतों का बसेरा मानने लगे, जहां शाम के बाद किला में जाने से मनाही है.
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ग्रामीणों का कहना है की इसमें कई सुरंग है, जिसमे राजा धानापुर तक जाते थे. युद्ध के लिये सुरंग बनाई जाती थी. किले में कई कमरे हैं जिसमें बड़े-बड़े ताले लगे हैं.
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यहां के लोगों का मानना था की ज़ब हेतम खान, किला बनवा रहे थे. तो बार बार किला गिर जा रहा था. तब जिन्दा आदमी को कोर्ट में चुनवा दिया गया था.
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हेतम खान ने यहां तीन कोर्ट बनावे थे. जिसे पूर्वी, पश्चिमी, और मध्य फोर्ट के नाम से जाना जाता था. लोग बताते हैं की वहां रूद्र ब्रह्म बाबा भुलैनी फोर्ट की रक्षा करते हैं.
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हेतम खान 16वी शताब्दी में शेर शाह सूरी के अनुदान देते थे, जिन्होंने चंदौली जिले में हेतम पुर नामक स्थान पर एक किला बनवाया था.
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यह किला लाहौरी ईट और चुनार बलुआ पत्थर से बना हुआ है, इसे अब पुरातत्व विभाग के संरक्षण में रखा गया है. यह 22 बीघा में फैला है.