सतीश महाना का लेटर नहीं आया काम, CMO पर गिर गई गाज, DM से क्या था विवाद?

कानपुर में पिछले एक सप्ताह से डीएम और सीएमओ के बीच चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आया है. शासन ने सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही कानपुर में उदय नाथ के रूप में नए सीएमओ की भी तैनाती कर दी गई है.

सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी हुए् सस्पेंड Image Credit:

कानपुर में पिछले एक सप्ताह से डीएम और सीएमओ के बीच चल रहा विवाद आखिरकार सुलझ गया है. इस विवाद में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का पत्र काम नहीं आया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर गाज गिर गई. शासन ने सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही कानपुर में उदय नाथ के रूप में नए सीएमओ की भी तैनाती कर दी गई है.

डॉ. हरिदत्त नेमी की जगह उदय नाथ को कानपुर का नया सीएमओ बनाया गया है. वह श्रावस्ती में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात थे. वहीं विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा नेता सतीश महाना की पैरवी भी काम नहीं आई. उन्होंने डॉ. हरिदत्त नेमी को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर सीएमओ की तारीफ की थी. हालांकि भाजपा के कुछ विधायकों ने सीएमओ को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया था.

क्या है पूरा विवाद?

दरअसल, कानपुर में स्वास्थ्य विभाग की खराब स्थिति को लेकर कई बार सवाल उठे हैं. डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह कई बार इसको लेकर अस्पतालों का दौरा कर जांच की. इसके बावजूद स्थिति नहीं सुधार नहीं हुई तो उन्होंने लापरवाही के आधार पर सीएमओ हरिदत्त नेमी को कानपुर से हटाने की सिफारिश कर दी. फिर क्या था इसके बाद से दोनों के बीच वाक्य युद्ध शुरू हो गया.

इस बीच सोशल मीडिया पर सीएमओ के कई ऑडियो वायरल हुए, जिसमें डीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थी. इसके अलावा अल्ट्रासाउंड सेंटर को अनुमोदित करने के रेट, पैसे कमाने के तरीके जैसी बातें की गई थी. हालांकि सीएमओ हरिदत्त नेमी ने बताया कि यह ऑडियो उनके नहीं है. इसके बाद डैशबोर्ड की बैठक से डीएम ने सीएमओ को जाने को भी बोल दिया.

विवाद में कई राजनेताओं की भी हुई एंट्री

दोनों के बीच जारी विवाद में कई राजनेताओं की भी एंट्री हुई. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और विधायक सुरेंद्र मैथानी ने डिप्टी सीएम को पत्र लिखाकर सीएमओ को कानपुर में ही बनाए रखे जाने का अनुरोध किया.  वहीं, भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा और महेश त्रिवेदी ने सीएमओ के खिलाफ सीएम को पत्र लिखा और जांच करवाने की मांग की. हालांकि, अब मामला खत्म हो गया है लेकिन, शहर में चर्चा है कि अभी बहुत कुछ होना बाकी है.