कौन हैं IPS अंजलि विश्वकर्मा? 48 लाख पैकेज की नौकरी छोड़ी, क्रेक किया UPSC; बीजेपी MLC से बहस के बाद हो रही चर्चा

48 लाख के पैकेज वाली नौकरी छोड़कर आईपीएस बनी अंजलि विश्वकर्मा एक बार फिर सुर्खियों में हैं.उन्होंने साल 2021 में अपने पति के साथ ही यूपीएससी परीक्षा क्रेक किया था. फिलहाल वह बीजेपी MLC अरुण पाठक के साथ बहस के बाद सुर्खियों में हैं. IIT कानपुर से इंजीनियरिंग के बाद विदेश में नौकरी कर चुकी अंजलि बोल्ड फैसले लेने के लिए जानी जाती हैं.

आईपीएस अंजलि विश्वकर्मा

बीजेपी एमएलसी अरुण पाठक से तीखी बहस के बाद आईपीएस अंजलि विश्वकर्मा इस समय सुर्खियों में हैं. 2021 बैच में यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाली अंजलि पहली बार उस समय चर्चा में आई थी, जब उनके साथ ही उनके पति ने भी यूपीएससी की परीक्षा क्रेक कर लिया था. इस समय उनके पति उदित छत्तीस गढ़ कॉडर में हैं, जबकि अंजलि विश्वकर्मा को यूपी कॉडर के तहत कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में पोस्टिंग मिली है. आइए, आज उन्हीं अंजलि विश्वकर्मा की कहानी बताते हैं.

11 जनवरी 1993 को देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित अपने घर में पैदा हुई और वहीं पर पली बढ़ी अंजलि बचपन से ही होशियार और मेधावी हैं. उनके पिता अरुण कुमार ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में इंजीनियर थे, जबकि मां नीलम विश्वकर्मा गृहिणी हैं. अंजलि की प्राथमिक शिक्षक कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से हुई. यहां से उन्होंने साल 2009 में हाईस्कूल और 2011 में 97.7% अंकों के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा पास किया. इंटरमीडिएट की परीक्षा में वह उत्तराखंड की स्टेट टॉपर रहीं थी.

इंटरमीडिएट में बनी थीं स्टेट टॉपर

बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली अंजलि का रुझान इंटरमीडिएट की परीक्षा के बाद बदल गया और उन्होंने इंजीनियरिंग बनाने की सोचने लगी. इसके लिए IIT कानपुर में नेविगेशन इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया और यहां से बीटेक की डिग्री हासिल की. उनके पति उदित पुष्कर भी यहीं से पढ़े हैं और यहीं पर दोनों की पहली मुलाकात भी हुई. साल 2013 में इन्होंने शादी कर लिया था. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद अंजलि ने साल 2015 में एक प्राइवेट फर्म में 48 लाख सालाना पैकेज पर तीन साल तक नौकरी भी की.

2021 में क्रेक किया यूपीएससी

इस दौरान उनकी पोस्टिंग ज्यादातर मैक्सिको, नार्वे, यूके, मलेशिया, सिंगापुर, अबू धाबी और न्यूजीलैंड जैसे देशों में रही. इसी दौरान अचानक उनक मन बदल गया और उन्होंने साल 2018 में नौकरी छोड़ कर UPSC की तैयारी शुरू कर दी. पहले प्रयास में तो वह असफल रहीं, लेकिन साल 2021 में दूसरे प्रयास में UPSC क्रैक कर लिया. इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश कॉडर मिला था वहीं पहली पोस्टिंग झांसी में मिली थी. इस पोस्टिंग में उन्होंने एक नाबालिग को अगवा करने के मामले को अपनी सूझबूझ से सुलझाया था. उन्होंने सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद से लड़की को महाराष्ट्र से बरामद किया था.

एमएलसी से बहस के बाद बनीं सुर्खियां

झांसी के बाद उनकी दूसरी पोस्टिंग कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में एसीपी के रूप में हुई. एसीपी की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें प्रमोशन मिला और फिलहाल कानपुर में ही एडीसीपी के पद पर काम कर रही हैं. बता दें कि कानपुर के ग्रीन पार्क मैदान में एडीसीपी अंजलि विश्वकर्मा और एमएलसी अरुण पाठक के बीच गनर को लेकर बातचीत हो रही थी. इस दौरान डील शब्द पर इनके बीच हो रही बहस काफी गर्म हो गई. इस घटना की चर्चा सोशल मीडिया में खूब हो रही है.