प्राइवेट स्कूलों पर DM के सख्त तेवर, RTE में एडमिशन नहीं देने पर होगी FIR; कहा- मनमानी बर्दाश्त नहीं

लखनऊ के डीएम ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं देने वाले प्राइवेट स्कूलों की चूलें कस दी हैं. उन्होंने ऐसे स्कूलों के खिलाफ FIR दर्ज करने और उनकी मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए हैं. डीएम ने अधिकारियों को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने को कहा है. इसी के साथ भिक्षावृति में लगे बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए अभियान चलाने का आदेश दिया है.

लखनऊ में अधिकारियों की मीटिंग लेते डीएम

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं देने वाले स्कूलों की अब खैर नहीं. राजधानी लखनऊ में डीएम विशाल जी ने ऐसे स्कूलों को चिन्हित करने और इनके खिलाफ संबंधित कानून के तहत एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. डीएम ने साफ कर दिया कि किसी हाल में गरीब बच्चों के साथ हो रहे इस तरह के मजाक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस संबंध में उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से कार्रवाई की रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है. डीएम विशाल जी शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में इस अधिनियम के तहत प्रवेश प्रक्रिया की समीक्षा कर रहे थे.

संबंधित अधिकारियों के साथ इस बैठक में डीएम विशाल जी ने पहले प्रवेश प्रक्रिया की स्थिति जानी. जब वास्तविकता पता चला और इसमें बताया गया कि ज्यादातर स्कूलों ने एडमिशन नहीं दिया है, तो डीएम ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए. कहा कि तत्काल ऐसे स्कूलों को सूचीवद्ध कर उनके प्रधानाचार्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं. यही नहीं, उन्होंने इन सभी स्कूलों को मान्यता के लिए दी गई एनओसी को भी वापस लेने के आदेश दिए.

इन स्कूलों की रद्द होगी मान्यता

डीएम ने कहा कि ऐसे सभी स्कूलों की रिपोर्ट संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक को भी भेजा जाए और इनकी मान्यता रद्द कराई जाए. उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल की मनमानी नहीं चलेगी. ऐसा नहीं हो सकता कि स्कूल चाहें तो एडमिशन दें और ना चाहें तो ना दें. डीएम ने इस बैठक में खासतौर पर सेठ एमआर जयपुरिया, सिटी मॉन्टेसरी, बाल गाइड स्कूल और जीडी गोयनका स्कूल की मान्यता रद्द कराने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने को कहा.

भिक्षावृति से जुड़े बच्चों के एडमिशन का आदेश

बैठक में डीएम ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को एक अभियान चलाने को कहा. जिसमें भिक्षावृति से जुड़े बच्चों को मुक्त कराकर उनके एडमिशन परिषदीय स्कूलों में हो सके. इसके बाद इन बच्चों की नियमित स्कूल आने और पढ़ाई करने की निगरानी के भी आदेश दिए. उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने क्षेत्र में घूमकर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें.