Agra Street Food: बेढ़ई-जलेबी के कॉम्बिनेशन के बिना अधूरा होता है आगरा वालों का नाश्ता, जानिए इसमें ऐसा क्या है ख़ास
ताज नगरी आगरा का नाश्ता बेढ़ई और जलेबी के बिना अधूरा माना जाता है. गरमा गरम बेढ़ई और रस में डूबी कुरकुरी जलेबी सिर्फ़ नाश्ता नहीं, बल्कि यहां की पहचान है. आखिर इसमें ऐसी क्या ख़ासियत है कि एक बार खाने के बाद लोग इसका स्वाद भूल नही पाते हैं. आइए आपको बताते हैं.
ताज नगरी आगरा की सुबह स्वाद की खुशबू से भी भरी होती है. जैसे ही हलवाई अपनी दुकानें सजाते हैं, गरम तेल में सिकती बेढ़ई और रस में डूबी कुरकुकी जलेबी की महक गलियों में फैल जाती है. यही वो पल होता है, जब शहर के असली ज़ायके का मजा लेते लोग गलियों में नजर आते हैं.
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बेढ़ई, आगरा की खास खस्ता पूड़ी होती है, जो दिखने में तो कचौड़ी जैसी लगती है, लेकिन उससे थोड़ी पतली और ज्यादा कुरकुरी होती है. इसे खास मसाले वाली आलू की सब्जी, हरी चटनी और दही के साथ परोसा जाता है. सुबह-सुबह इसकी खुशबू ही से लोग अपने आप को रोंक नही पाते हैं.
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आगरा की बेढ़ई में एमपी के शरबती आटा और खास मसाले का इस्तेमाल किया जाता है. यहीं के देवीराम स्वीट्स के राजेश अग्रवाल बताते हैं कि इसे बनाने में काली मिर्च और लौंग का भी इस्तेमाल किया जाता है ताकि यह सुपाच्य बन सके. इसके स्वाद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक बार खाओ तो बार-बार खाने का मन करता है.
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जलेबी यानी कभी न भूल पाने वाला स्वाद. आगरा में ये कुरकुरी और रस में डूबी हुई होती है. बेढ़ई के तीखे स्वाद के साथ इसका मीठा कॉम्बिनेशन ऐसा है कि जिसका हर निवाला लाजवाब होता है. गरम जलेबियों के बगैर बेढ़ई अधूरी लगती है.
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लोगों से बात करें तो हर कोई अपनी सुबह की शुरुआत इसी नाश्ते से होती है. लोकल के रहने वाले रवि पाल कहते हैं कि बेढ़ई-जलेबी उनके लिए सिर्फ़ नाश्ता नहीं बल्कि इसमें जो स्वाद है, वो कहीं और नहीं मिल सकता.
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इसीलिए लोकल लोग ही नहीं बल्कि यहां आने वाले सैलानियों के लिए भी ये नाश्ता उनकी पहली पसंद बना हुआ है. लोग दुकानों पर अक्सर जलेबी और बेढ़ई के कॉम्बिनेशन का मजा बड़े चाव से लेते हुए दिखाई देते हैं.