संत प्रेमानंद की तस्वीर पर क्यों भड़का संत समाज? बैठक में दी कड़ी चेतावनी, सामने आया ये सच

सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज की एक एआई से निर्मित फोटो वायरल होने के बाद विवाद छिड़ गया है. फोटो में राधारानी उनके पैर दबाती दिख रही हैं जिससे संत समाज में बहुत नाराजगी है. चतुसंप्रदाय के संतों ने इस पर चिंता व्यक्त की और प्रेमानंद महाराज को बैठक में बुलाया मगर वो स्वास्थ्य कारणों की वजह से वहां नहीं आ सके.

प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज की एक फोटो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. फोटो में राधारानी प्रेमानंद महाराज के पैरा दबाते हुए दिखाई दे रही हैं. इस फोटो को देखकर लोगों ने इसकी कड़ी आलोचना की. चतु संप्रदाय विरक्त वैष्णव की एक बैठक गौतम ऋषि आश्रम में आयोजित की गई बैठक में वायरल फोटो के बारे में चर्चा की गई. इस बैठ के लिए प्रेमानंद महाराज को भी बुलाया गया था, लेकिन उनकी तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से वो इस चर्चा का हिस्सा नहीं बन सके. हालांकि, उनके प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुए और उन्होंने फोटो की सच्चाई के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि जो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है वो एआई की मदद से बनाई गई है.

उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कुछ अराजक तत्वों की ओर से इस फोटो को बनाकर वायरल किया गया है. अब इस फोटो को बनाने वालों के खिलाफ सर्वसम्मति से संत समाज ने कार्रवाई करने का फैसला लिया है. प्रेमानंद महाराज की ओर से 24 घंटे के भी कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी.

कार्रवाई करने के लिए किया अपील

इस बारे में मोहनी शरण महाराज ने कहा कि एक फोटो जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें, हमारी महारानी श्री राधा रानी प्रेमानंद महाराज चरण दबाते हुए दिख रही हैं. इसके बाद हम सभी संतो में बहुत गुस्सा है. उन्होंने कहा कि हम सभी संतो ने एक जुट होकर प्रेमानंद महाराज को एक बैठक के लिए बुलाया था. लेकिन, उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के वजह से वो आ नहीं आ पाए. उनके प्रतिनिधि आए थे और उन्होंने बताया कि यह फोटो हमारी ओर वायरल नहीं की गई है. इसे एआई के जरिए बनाया गया है.

इसके बाद संतों ने कहा कि जिसने भी यह कहते क्या है आप उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें. यदि आपके द्वारा कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो इसे एक षड्यंत्र माना जाएगा और प्रेमानंद महाराज के खिलाफ विरोध के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यदि प्रेमानंद महाराज के 24 घंटे के अंदर कानूनी कार्रवाई नहीं करते हैं तो चतु संप्रदाय का संत समाज इसका पूरा विरोध करेगा.