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ज्यादा है स्क्रीन टाइम तो करें ये योगासन, नहीं आएगी गर्दन और रीढ़ की दिक्कत
क्या आपको स्कीन वर्क की वजह से 8-10 घंटे की सिटिंग देनी पड़ती है. ऐसे में गलत पोश्चर की वजह से गर्दन और पीठ की समस्या बढ़ जाती है. जानते हैं इसे किन योगा के जरिए इसे कम किया जा सकता है.
आजकल दौड़ती भागती जिंदगी में खुद के स्वास्थ्य का ध्यान रखना थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन बेहतर खानपान और योग को शामिल किया जाए तो काफी दिक्कतों को दूर किया जा सकता है. खासतौर पर सर लंबे समय तक स्क्रीन पर रहने और तनाव की वजह से सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस और गर्दन के दर्द जैसी समस्याएं काफी तेजी से बढ़ रही हैं, जानते हैं इनमें कौन योग आपको मदद कर सकते हैं.
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कोबरा मुद्रा यानी भुजंगासन चेस्ट को खोलती है और रीढ़ को मजबूत करती है. साथ ही गर्दन, कंधों और पीठ में अकड़न को कम करने में भी मदद करती है. ये योगासन साइटिका से भी राहत दिलाता है. और सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के दर्द को भी कम करता है.
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अर्ध मत्स्येन्द्रासन में बैठे हुए रीढ़ की हड्डी को मोड़ने से चेस्ट खुलता है. ऐसे में रीढ़ को ऊर्जा मिलती है, और गर्दन और कंधों में खिंचाव (स्ट्रेच) आता है. इसे करने से गर्दन वाले एरिया में सामान्य लचीलापन (फ्लेक्सिबिलिटी) बढ़ती है.
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बैकबेंड यानी धनुरासन योग के जरिए गर्दन पर खिंचाव और मुद्रा यानी पोश्चर में सुधार लाता है. इसके साथ ही पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे लंबे समय तक स्क्रीन का इस्तेमाल करने वालों को गर्दन के दर्द से आराम दिलाता है.
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मर्जरासन यानी कैट पोज से रीढ़ की हड्डी को बहुत फायदा होता है. इस योग को करने से पीठ और गर्दन में तनाव और अकड़न से रात मिलती है.