धर्म-ध्वजा पर होगा कोबेदार वृक्ष, सूर्य की प्रतिमा; राम मंदिर के ध्वजारोहण की तैयारियां तेज, जुटेंगे देशभर के विद्वान

अयोध्या राम मंदिर का भव्य ध्वजारोहण 25 नवंबर 2025 को होगा, जो विवाह पंचमी का शुभ दिन है. प्रधानमंत्री मोदी और मोहन भागवत की उपस्थिति में ध्वज फहराया जाएगा, जिस पर ओंकार, सूर्य प्रतिमा और कोबेदार वृक्ष अंकित होंगे. राम मंदिर में दिनों तक चलेगा विशेष अनुष्ठान.

राम लला की मूर्ति का अभिषेक करते पुजारी

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब ध्वजारोहण की तैयारी तेज है. ध्वजारोहण मंदिर के निर्माण कार्य के पूरे होने का चिन्ह होगा. इसका आयोजन 25 नवंबर को होगा, जो विवाह पंचमी का शुभ दिन है. उससे पहले 20 नवंबर से 5 दिन तक विशेष अनुष्ठान चलेगा. इस बीच धर्म-ध्वजा को लेकर जानकारी सामने आई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में ध्वज फहराया जाएगा. 25 नवंबर महा शुक्ल पंचमी का दिन है, जिसे विवाह पंचमी भी कहते है. इस दिन भगवान सीताराम जी के विवाह का उत्सव मनाया जाता है. इसी पवित्र दिन राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण कार्य संपन्न होगा.

कैसा होगा राम मंदिर का धर्म-ध्वजा?

राम मंदिर के शिखर पर विराजमान होने वाला धर्म-ध्वजा 22 बाई 11 फीट का है जो केसरिया रंग का होगा. इसपर कोबेदार वृक्ष अंकित होंगे, अयोध्या के राजवंश के अनुसार वाल्मीकि रामायण में इसका वर्णन है. वहीं, सूर्यवंशी होने के कारण सूर्य की प्रतिमा और ध्वजा के बीच में सर्व शामवेश्क ओमकार होगा.

उनके साथ–साथ पंचायतन की पद्धति के अनुसार, भगवान गणेश, महादेव, मां दुर्गा, सूर्य नारायण के साथ हनुमान जी और अन्नपूर्णा जी भी मंदिर स्थापित हुए हैं. तो इन सभी पंचायतन के मंदिरों पर भी ध्वजारोहण होगा, इन सभी देवी देवताओं के पूजन और हवन का क्रम भी पांच दिनों तक चलता रहेगा.

ध्वजारोहण से पहले मंदिरों का निर्माण होगा पूरा

ध्वजारोहण मंदिर के निर्माण कार्य के पूरे होने का चिन्ह होगा यद्यपि मंदिर परिसर में अन्य कार्य चलते रहेंगे. लेकिन मंदिर के विद विधान के जितने भी निर्माण कार्य है वह उस दिन पूर्णता को प्राप्त होंगे. उसके बाद वहां बनने वाला कार्यालय और सभागृह आदि कम चलते रहेंगे लेकिन मंदिरों का कोई कार्य नहीं बचेगा.

विशेष अनुष्ठान 20 नवंबर से 5 दिन तक चलेगा. इस अवसर पर अनेक प्रकार के विद्वान यहां पर पधारने वाले हैं. लेकिन इसमें जो अतिथि गण पधारेंगे वह केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश के होंगे. उसके बाहर के कोई भी मेहमान लगभग नहीं होंगे, और जिनको बुलाना है उनको निमंत्रण पत्र भेजा जाएगा.