होल्ड हो गए सारे ऑर्डर, ईरान-इजराइल जंग के कारण संकट में सहारनपुर का लकड़ी उद्योग

ईरान- इजराइल जंग का असर सहारनपुर के लकड़ी के कारोबार पर भी पड़ा है. अमेरिकी टैरिफ की वजह से कारोबारियों मिडिल ईस्ट के देशों में कारोबार की नई संभावनाएं तलाश की थी, लेकिन जंग के हालात ने सबकुछ बदल दिया है. कारोबारियों ने इन देशों से जो आर्डर ले रखे थे, वे सब होल्ड पर चले गए हैं.

सहारनपुर के वुड कार्विंग उद्योग

ईरान- इजराइल के बीच जारी जंग का असर केवल इन्ही देशों पर नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई उद्योगों पर भी पड़ रहा है. इसका असर सहारनपुर के मशहूर वुड कार्विंग उद्योग पर भी बड़े पैमाने पर पड़ा है. इस जंग की वजह से इसके पूरे इकोलसिस्टम पर काले बादल छाए हुए हैं. सहारनपुर में लकड़ी उद्योग से जुड़े कई एक्सपोर्टर्स के करोड़ों के ऑर्डर होल्ड पर हैं , इससे पहले अमेरिकी टैरिफ वार की वजह से एक्सपोर्टर्स को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

इसी वजह से कारोबारियों ने अमेरिका के अलावा मिडिल ईस्ट की तरफ कारोबार के नए रास्ते तलाश किए थे, लेकिन अब जो हालात बने हुए हैं, इसके चलते सहापनपुर के वुड कारोबार को बड़ा झटका लगा है.

‘एक जिला- एक उत्पाद’ से मिली पहचान

‘एक जिला- एक उत्पाद’ के तहत सहारनपुर लकड़ी के उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है. यहां बनने वाले सामानों की मांग दुनियाभर में बड़े पैमाने पर होती है. हांलाकि ये उद्योग पिछले कई सालों से आर्थिक मंदी की मार झेल रहा है. करोना, रूस- यूक्रेन युद्ध और फिर अमेरिका टैरिफ से इस उद्योग को काफी नुकसान पहुचाया है. हांलाकि सरकार इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पूरा प्रयास कर रही है.

ठप पड़ा कारोबार

कारोबारियों ने सुनाई आपबीती

सहारनपुर के वुड कार्विंग उद्योग से जुड़े एक्सपोर्टर शिबान हंनफी के मुताबिक बढ़ते टैरिफ की वजह से अमेरिका और यूरोप की मार्केट में बायर्स ने पहले के ऑर्डर होल्ड कर दिए थे ,अमेरिका और यूरोप को छोड़कर जब कारोबारियों ने मिडिल ईस्ट के कई देशों ओमान, इजरायल , ईरान , दुबई के बायर्स की तरफ रूख किया. इसी बीच 13 जून को इजराइल ने ईरान पर हमला कर दिया. जंग के चलते सहारनपुर का पूरा लकड़ी का कारोबार पीछे चला गया है.

कैंसिल हुए आर्डर

मैन्युफैक्चरर खालिद के मुताबिक हालात ये हो गए हैं कि कारखानों का खर्चा उठाना कारोबारियों के लिए बारी पड़ रहा है. लकड़ी उद्योग से जड़े कारोबारी उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही युद्ध खत्म हो जाएगा और कारोबार में फिर से तेजी आ जाएगी. हांलाकि सहारनपुर का लकड़ी उद्योग कब पटरी पर लौटेगा, अभी ये कह पाना बेहद मुश्किल है.