UP के चार शहरों में पूरा होगा अपने घर का सपना, योगी सरकार बसाने जा रही नई टाउनशिप; मिलेगा इतना पैसा

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ सहित राज्य के 4 शहरों के लिए नई टाउनशिप परियोजना विकसित करने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार की तरफ से 1832.51 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है. हाल ही सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुए बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई थी.

उत्तर प्रदेश टाउनशिप प्रोजेक्ट

उत्तर प्रदेश के चार शहरों की तस्वीर जल्द ही बदलने वाली. हाल ही में हुए कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ सहित अयोध्या, रामपुर और बागपत में नई टाउनशिप बसाने के एक बड़े प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है. इसे आम लोगों का शहरों में अपना घर होने का सपना पूरा होगा. सरकार की तरफ से इसके लिए अधिकारियों को इसके लिए जल्द से जल्द भूमि अधिग्रहण करने का निर्देश दिया गया है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना के तहत लखनऊ सहित राज्य के 4 शहरों के लिए नई टाउनशिप परियोजना विकसित करने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार की तरफ से 1832.51 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है. साथ ही भूमि अधिग्रहण के लिए सीड कैपिटल 970 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी करने का फैसला किया है.

कैबिनेट बैठक में दी गई थी इस प्रस्ताव को मंजूरी

सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के संबंधित इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष के बजट में तीन हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की गई.

जानें किस शहर को मिलेंगे कितने रुपये

बता दें सीड कैपिटल के लिए जिस 970 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, उसमें 750 करोड़ रुपये लखनऊ को दिए जाएंगे. इसके अलावा 100 करोड़ रुपये आयोध्या और 100 करोड़ रुपये रामपुर विकास प्राधिकरण को दिए जाएंगे. इसके अलावा बागपत-खेकड़ा-बड़ौत विकास प्राधिकरण को भी 20 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.

सरकार 20 साल की अवधि के लिए देती है सीड कैपिट

मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य तहत नगरीय क्षेत्रों के सुनियोजित व सुव्यवस्थित विकास करना है. इसमें नगरीय जनसंख्या को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराया जाता है. योजना के तहत प्राधिकरणों को भूमि अर्जन में आने वाले खर्च के 50 प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा सीड कैपिटल के रूप में 20 वर्ष की अवधि के लिए दिए जाने की जाते हैं.