बेटी के जन्म पर यूपी में मिलते हैं 25 हजार रुपये, घर बैठे ऐसे कर सकते हैं अप्लाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2019 में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला नाम की योजना की शुरुआत की थी. इस स्कीम के तहत बेटी का जन्म होने के बाद उसे 6 श्रेणियों में 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना है.

केंद्र सरकार की तरफ से साल 2015 में ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’अभियान की शुरुआत की गई थी. इसका उद्देश्य बच्चियों को सुरक्षित वातावरण देने के साथ उनकी शिक्षा को सुनिश्चित करना था ताकि वे आत्म निर्भर बन पाएं. केंद्र सरकार की तरह ही राज्य सरकारें भी बेटियों के लिए ऐसी कई योजनाएं लॉन्च करती रही हैं. उत्तर प्रदेश में भी मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला नाम की ऐसे ही एक योजना है. इस योजना के तहत बेटियों को उनके जन्म से लेकर उनके ग्रेजुएशन तक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का असल उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. साथ ही कन्या भ्रूण हत्या, असमान लिंग अनुपात और बाल विवाह जैसी विकृतियों को मिटाना है. साल 2019 में शुरू हुई इस योजना के अंतर्गत पहले 10 हजार रुपये ही दिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये तक कर दिया गया है. बेटियों को ये राशि 6 अलग-अलग श्रेणियों यानी 6 किस्तों में दी जाती है.
6 कैटेगरी में मिलता है इस योजना का लाभ
पहली किस्त बेटी के जन्म होने के बाद ही परिवार को दे दी जाती है. फिर एक साल के अंदर सारे टीके लगने के बाद 2000 रुपये के तौर पर दूसरी किस्त दी जाती है. उसके बाद जब बेटी पहली कक्षा में प्रवेश ले रही हो तो उसे 3000 हजार रुपये दिए जाते हैं. 6वीं क्लास में जाने में फिर उसे 6 हजार रुपये की धनराशि मुहैया कराई जाती है. बेटी जब 9वीं कक्षा में पहुंच जाती है तो उसे एक बार फिर 5 हजार रुपये दिए जाते है. इसके अलावा उसे 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद ग्रेजुएशन या दो साल का डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लेने पर 7 हजार रुपये दिए जाते हैं. ऐसे करके बेटियों के 6 बार में 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है.

योजना का लाभ लेने के लिए क्या है जरूरी योग्यता
इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे जरूरी है कि आप उत्तर प्रदेश के नागरिक हों. आपके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, वोटर आईडी, बिजली या टेलीफोन बिल जैसे डॉक्यूमेंट होने चाहिए. साथ ही लाभार्थी के परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. एक परिवार से अधिकतम दो बेटियों को ही ये लाभ दिया जा सकता है. हालांकि, इस मामले में एक अपवाद ये हैं कि अगर दूसरी डिलीवरी में मां को जुड़वां बेटियां हों और पहले से एक बेटी इस योजना का लाभ उठा चुकी है तो अगली 2 बेटियां भी इसका लाभ ले सकती है. वहीं, अगर परिवार ने किसी अनाथ बेटी को भी गोद लिया है तो उसे भी इस योजना का लाभ मिल सकता है.
हर चरण में दिखाने पड़ेगे ये डॉक्यूमेंट
इस योजना का लाभ लेने लिए आपको प्रत्येक चरण में उससे जुड़े डॉक्यूमेंट्स दिखाने पड़ेंगे. पहली कैटेगरी में बच्ची के माता-पिता के निवासपत्र और बेटी के फोटो से काम चल जाएगा. दूसरी कैटेगरी टीकाकरण कार्ड होना बहुत जरूरी है. जब बेटी के कक्षा 1 में पहुंचती है, तो उसे इस योजना का लाभ लेने के लिए उस क्लास का प्रमाण पत्र देना पड़ेगा. इसी तरह कक्षा 6 और 9 में इस योजना का लाभार्थी बनने के लिए उस क्लास का प्रमाण पत्र जरूरी है. इसके अलावा अंतिम किस्त लेने के लिए बेटी की 10 से लेकर 12वीं तक की मार्कशीट, डिग्री, स्नातक/डिप्लोमा प्रवेश शुल्क रसीद की जरूरत पड़ती है.

कैसे करें आवेदन?
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों स्तर पर आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको यूपी सरकार की तरफ से इसके लिए बनाई गई वेबसाइ (mksy.up.gov.in/) पर विजिट करने होगा. यहां आपको बेटी से जुड़ी जानकारियां भरकर फॉर्म सब्मिट करना होगा. सब्मिट के बाद आपको रजिस्ट्रेशन संख्या मिलेगी, जिससे आप ऑनलाइन ही आवेदन की स्थिति जान सकेंगे. इसके अलावा आप नजदीकी CSC (Common Service Centre) या जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय से मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का फार्म लेकर खंड विकास अधिकारी को देकर भी आवेदन कर सकते हैं.
जानें लाभार्थी के खाते में कैसे जाएगी राशि
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से PFMS के माध्यम से लाभार्थी के खाते में सीधे राशि भेजी जाएगी. अगर लड़की की आयु 18 वर्ष से कम है, तो राशि मां के खाते में जाएगी. यदि मां नहीं है तो लड़की के प्रथम अभिभावक के खाते में ये अमाउंट ट्रांसफर किए जाएंगे. वहीं, यदि लड़की 18 साल के ऊपर है तो ये राशि उसके बैंक अकाउंट में सीधे पहुंचा दी जाएगी.