पड़ोसी ने 8 साल के बच्चे से किया था कुकर्म, 20 महीने में कोर्ट ने सुनाया मृत्युदंड; गाजीपुर में 14 साल बाद फांसी की सजा
गाजीपुर की विशेष पॉस्को कोर्ट ने 8 साल के बच्चे से कुकर्म और हत्या के दोषी पड़ोसी संजय नट को मृत्युदंड की सजा सुनाई है. 20 महीने की सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस जघन्य अपराध पर कठोर फैसला लिया. गाजीपुर की अदालत में 14 साल बाद किसी को इतनी कठोर सजा सुनाई गई है.

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की जिला अदालत ने एक आठ साल के बच्चे संग कुकर्म और मर्डर के मामले आरोपी को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई है. कोर्ट ने मामले को जघन्य और घृणित करार देते हुए आरोपी को किसी भी तरह की सहानुभूति का लाभ देने से मना कर दिया. यह वारदात पिछले साल फरवरी महीने का है. इसमें दोषी अपने पड़ोस में रहने वाले बच्चे को बहला फुसलाकर अपने घर में ले गया और बलपूर्वक उसके साथ कुकर्म को अंजाम दिया.
इसके बाद पोल खुलने के डर से दोषी संजय नट ने रस्सी से उसका गला घोंट दिया था. पुलिस के मुताबिक मृत बच्चे का शव आरोपी के घर में ही एक ट्रंक में मिला था. पुलिस ने उसी समय आरोपी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था और त्वरित जांच करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी. इसके बाद मामले की सुनवाई विशेष पॉस्को कोर्ट के न्यायाधीश राम अवतार जी की अदालत में हुई, जहां 20 महीने बाद आरोपी को दोषी करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है.
एक बच्ची ने दिया था वारदात का सुराग
विशेष लोक अभियोजक प्रभु नारायण सिंह के मुताबिक वारदात के वक्त बच्चे की उम्र करीब 8 साल थी. आरोपी संजय नट उसे चॉकलेट दिलाने के बहाने अपने घर ले गया और इस वारदात को अंजाम दिया था. बच्चे को आरोपी के साथ उसके घर में जाते हुए पड़ोस की ही एक लड़की ने देख लिया था. पुलिस ने उसी लड़की की निशानदेही पर आरोपी के घर से बच्चे का शव बरामद किया था. केस डायरी के मुताबिक आरोपी ने यह वारदात ऐसे समय में अंजाम दिया, जब उसके पिता भी गांव में नहीं थे.
बोरी में भरकर ट्रंक में डाल दिया था शव
केस डायरी के मुताबिक घर लौटने के बाद बच्चे के पिता ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन कहीं कोई खबर नहीं मिली तो पुलिस को सूचना दी गई. इसके बाद पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया. इसी दौरान पड़ोस में रहने वाली एक बच्ची ने बताया कि उसने लड़के को संजय नट के साथ उसके घर जाते देखा था. इस इनपुट के बाद पुलिस ने आरोपी के घर में सर्च किया तो शव एक ट्रंक में मिला था. शव को बोरी में भरकर ट्रंक में डाला गया था. विशेष लोक अभियोजक प्रभु नारायण सिंह के मुताबिक इस कोर्ट से 14 साल बाद किसी को मृत्युदंड मिला है.