यूपी में शैतान से इमरान तक… 10 दिन में 10 एनकाउंटर; पढ़ें बदमाशों का काला चिट्ठा

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की 'ज़ीरो टॉलरेंस' नीति ने अपराधियों की कमर तोड़ दी है. पिछले 10 दिनों में यूपी पुलिस ने ताबड़तोड़ 10 एनकाउंटर में 10 कुख्यात बदमाशों को ढेर कर दिया है. लाखों के इनामी इन अपराधियों के काले कारनामे पूरे पश्चिमी यूपी में दहशत का पर्याय थे.

योगी सरकार में बदमाशों का सफाया

उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पूरी तरह से सक्रीय है. इसने अपराधियों की कमर तोड़ कर रख दी है. पिछले 10 दिनों (29 सितंबर से 9 अक्टूबर तक) में यूपी पुलिस ने पूरे राज्य में ताबड़तोड़ 10 एनकाउंटर किए, जिनमें 10 कुख्यात बदमाश मारे गए.

इनमें से कई पर लाखों का इनाम था और इनके नाम अपराध की दुनिया में खौफ का पर्याय थे. ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ और ‘ऑपरेशन खल्लास’ के तहत चल रही इस मुहिम ने अपराधियों में सनसनी फैला दी है. मारे गए बदमाशों का काला चिट्ठा इतना लंबा है कि यह यूपी की अपराधी बुक का एक काला अध्याय ही बन गया है.

आइए, जानते हैं इन एनकाउंटरों की पूरी कहानी

पिछले 10 दिनों में यूपी के विभिन्न जिलों में पुलिस की विशेष टीमें (जैसे SOG, STF) सक्रिय रहीं. मुखबिरों की सूचना पर घेराबंदी, गोलीबारी और फिर जवाबी कार्रवाई, यह सिलसिला रुका नहीं है. यूपी में इन 10 दिनों में हर एक दिन एक में एक कुख्यात अपराधि ढेर हुआ है. एनकाउंटर का सिलसिला 29 सितंबर से शुरू हुआ था.

  • 1 लाख का इनामी बदमाश नईम कुरैशी ढेर: मुजफ्फरनगर में पुलिस ने 29 सितंबर को एनकाउंटर में 1 लाख इनामियां बदमाश नईम कुरैशी को ढेर कर दिया. नईम कुरैशी के ऊपर हत्या के छह और लूट के 20 मुकदमे दर्ज थे.
  • 50000 का इनामी नरेश पंडित: 30 सितंबर को फिरोजाबाद में पुलिस मुठभेड़ में नरेश पंडित उर्फ पंकज मार गया. नरेश के ऊपर 2 करोड़ की लूट के अलावा कई मुकदमे दर्ज थे. उसपर पचास हजार का इनाम भी घोषित था.
  • सहारनपुर का कुख्यात लुटेरा: 1 लाख का इनामिया बदमाश इमरान का शामली के सोंटा रसूलपुर का निवासी था. वह मुजफ्फरनगर में मारे गए महताब का करीबी साथी था. पश्चिमी यूपी में 13 से ज्यादा लूट-डकैती के केस दर्ज थे.
  • शैतान इफ्तेखार अली उर्फ सोल्जर: बरेली का सबसे खतरनाक डकैत था. कासगंज का रहने वाला यह अपराधी 7 जिलों में 19 केसों का मास्टरमाइंड था. हत्या, डकैती और लूट के अलावा, यह आधुनिक हथियारों से लैस गैंग चलाता था. 8 अक्टूबर को नैनीताल रोड पर SOG ने घेरा, फायरिंग में ढेर.
  • 50,000 रुपये का इनामी अपराधी रवि यादव चंदौसी का एक वसूली कर्मी था और उसके खिलाफ लूट और डकैती के कई मामले दर्ज थे. 5 अक्टूबर को पुलिस मुठभेड़ में वह मारा गया.
  • संभल का एक गैंगस्टर शाकिर उर्फ ​​साकिर, जिसके खिलाफ सामूहिक हत्या के 8 मामले दर्ज थे। 6 अक्टूबर को एक मुठभेड़ में वह मारा गया.
  • आगरा निवासी, ढाई लाख रुपये का इनामी कुख्यात अपराधी विनीत भाटी, 20 से ज़्यादा हत्याओं का आरोपी था और 7 अक्टूबर को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.
  • 75,000 रुपये का इनामी अपराधी उमेश पाल (गिरोह का सदस्य), लखीमपुर में एक पुराने हत्याकांड में फरार चल रहा था। 9 अक्टूबर को पुलिस मुठभेड़ में वह मारा गया.
  • 75,000 रुपये का इनामी अपराधी नवीन उर्फ ​​नवाब बरेली का रहने वाला था. उसके खिलाफ अपहरण समेत कई मामले दर्ज थे. 3 अक्टूबर को यूपी पुलिस ने नवीन को ढेर कर दिया.


इन अपराधियों ने मिलकर सैकड़ों बेकसूरों की जिंदगियां बर्बाद की थी. इनके गैंग्स ने पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक दहशत का राज चलाया था. पुलिस का कहना है कि ये कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइंस के तहत हैं, और कोई स्टेज्ड एनकाउंटर नहीं है.