आजादी का जो जश्न हम धूमधाम से मना रहे हैं, इसके पीछे उन क्रांतिकारियों की जवानी खपी है, जिन्होंने देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद करने के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं की. ऐसे ही एक क्रांतिकारी थे रामप्रसाद ‘बिस्मिल’. अंग्रेजों ने जब उन्हें पकड़ा तो ऐसी दर्दनाक मौत दी कि सुनके ही आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
देश इस बार आजादी की 79 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. ऐसे में देश के उन वीर सबूतों को याद करना बेहद अहम है, जिन्होंने मुल्क को गुलामी की जंजीरों से आजाद करने के लिए अपनी जान की तनिक भी परवाह नहीं की और हंसते- हंसते फांसी चूम गए. ऐसे ही एक क्रांतिकारी थे अशफाक उल्ला खान इन्होंने अंग्रेजों की नाम में इस कदर दम करके रखा था कि इन्हें पकड़ने के लिए गोरी सरकार ने पूरी ताकत लगा दी थी और जब अंग्रेजों ने इन्हें धोखे से पकड़ लिया तो इस क्रांतिकारी का बहुत बुरा हस्र किया.