टेढ़ी-मेढ़ी पर स्वाद लाजवाब, बलिया में ददरी मेले की जान है चटहिया जलेबी; देखें Photos
ददरी मेला पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होकर एक महीने तक चलने वाले इस मेले की खासियत तो बहुत है, लेकिन आज हम बात करने वाले हैं स्वाद की. इस मेले की चटहिया जलेबी यानी गुड़ही जलेबी का स्वाद जो एक बार ले ले, वह बार बार खाने की कोशिश करेगा.
उत्तर प्रदेश के बलिया में लगने वाला ददरी मेला पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होकर एक महीने तक चलने वाले इस मेले की खासियत तो बहुत है, लेकिन आज हम बात करने वाले हैं स्वाद की. इस मेले की चटहिया जलेबी यानी गुड़ही जलेबी का स्वाद जो एक बार ले ले, वह बार बार खाने की कोशिश करेगा.
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वैसे तो इस जलेबी को बनाने के लिए सभी तैयारी वैसे ही होती है, जैसे सामान्य जलेबी बनाने के लिए होती है, लेकिन इसे बनाने के तरीके में फर्क होता है. इसके लिए पाग गुड़ का बनाया जाता है और जलेबी को छानने के लिए तापमान का भी एक निर्धारित स्तर होता है.
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बलिया में यह जलेबी पूरे साल मिलती है, लेकिन ददरी मेले में इस जलेबी को खाने के लिए बाहरी लोगों के अलावा लोकल लोग भी लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. कई लोग तो मेले में से एकाध किलो पैक कराकर अपने घर भी ले जाते हैं.
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कहते हैं बलिया में ठंड शुरू होते ही गुड़ही जलेबी की महिमा बढ़ जाती है. वहीं ददरी मेले में इस जलेबी की दुकानें तीर्थ बन जाती हैं. दूर-दूर से लोग आते हैं और गरमागरम गुड़ही जलेबी का स्वाद लेकर अपने स्वादेंद्रियों को धन्य कर जाते हैं.
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मैदे के खास घोल से बनी और ताज़े गुड़ की गाढ़ी चाशनी में नहाई यह पारंपरिक मिठाई सदियों से बलिया वासियों की शान बनी हुई है. अगर कभी बलिया आएं और इसे चखे बिना लौट गए, तो समझिए आपने इस जिले की सबसे ‘अजब-गजब’ मीठी पहचान को मिस कर दिया.
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बलिया जिले में भी यह जलेबी खासतौर पर जिला मुख्यालय से थोड़ा पूरब की तरफ खास पसंद किया जाता है. यहां के लोग इस जलेबी का स्वाद सब्जी के साथ भी बड़े चाव से लेते हैं. वहीं ददरी मेले में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक भी इसे खूब पसंद करते हैं.