लोगों की शिकायतों पर नहीं है अधिकारियों का ध्यान, IGRS रैंकिंग में पिछड़ा प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अधिकारी लोगों की शिकायतों पर गौर नहीं कर रहे हैं. इसको लेकर आइजीआरएस रैंकिंग जारी की गई है, जिसमें प्रयागराज पूरे यूपी में आखिरी पायदान पर पहुंच गया है. रैंकिंग जारी होने के बाद डीएम ने अधिकारियों को शिकायतों को लेकर गंभीर रहने के निर्देश जारी किए हैं.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जनता की शिकायतों के निस्तारण में प्रयागराज के अधिकारियों ने निराश किया है. आइजीआरएस की रैंकिंग में जिले फिर अंतिम पायदान 75वें नंबर पर आ गया है. इसके पीछे जो वजह निकल कर सामने आई है वह भी परेशान करने वाली है.
प्रदेश में प्रयागराज की आईजीआरएस की रैंकिंग 75 वें पायदान पर पहुंच गई है. इसे लेकर डीएम प्रयागराज ने नाराजगी जाहिर की है. जिले की रैंकिंग खराब होने की सबसे बड़ी वजह में अधिकारियों का शिकायतकर्ताओं से बातचीत न करने और सही फीडबैक नहीं दिए गया. ऐसे में ये संतोषजनक नहीं माना गया है.
शिकायतों को लेकर गंभीर नहीं है अधिकारी
शिकायतकर्ताओं से वातां का कुल 10 नंबर है, जिसमें प्रयागराज को मात्र दो नंबर मिले हैं. शिकायतकर्ताओं से बिना बात किए ही रिपोर्ट लगा दी जाती है और जब इसका सत्यापन होता है तो सच्चाई सामने आ जाती है. इसी तरह संतुष्ट फीडबैक का कुल 30 नंबर है जिसमें जिले को पांच नंबर मिला है, जो पिछले महीने मात्र तीन नंबर ही था. इस बार दो नंबर बढ़े हैं लेकिन, वह पर्याप्त नहीं हैं. सभी बिंदुओं का कुल 140 नंबर है जिसमें प्रयागराज को 105 अंक मिले हैं.
खराब रैंकिंग पर एक्शन शुरू
आइजीआरएस की रैंकिंग जारी होने के बाद ही डीएम मनीष कुमार वर्मा ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर लापरवाही बरतने वालों को अंतिम चेतावनी दी. डीएम ने निर्देश दिया है कि कार्यप्रणाली में सुधार लाएं, खासतौर पर आइजीआरएस प्रकरणों के निस्तारण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. इधर डीएम ने तत्काल प्रभाव से करछना में एसडीएम न्यायिक जूही प्रसाद को एसडीएम फूलपुर बना दिया. आइजीआरएस प्रकरणों के निस्तारण के लिए एडीएम सिटी नोडल अधिकारी व एसीएम प्रथम को प्रभारी बनाया गया है. इसके अलावा ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर की पूरी टीम लगाई गई है.