कृषि यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में कूलर की ठंडी हवा खानी पड़ गई महंगी, लगा 10 हजार का जुर्माना
कानपुर की एक यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से ऐसा मामला सामने आया है, जहां कूलर की हवा खाना छात्रों के लिए इस कदर महंगा पड़ गया कि इसके लिए पूरे 10 हजार का जुर्माना भरना पड़ गया. मामला चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय का है, जहां विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना अनुमति कूलर चलाने के मामले में कार्रवाई की है. हांलाकि इस कार्रवाई को लेकर लोग अलग- अलग बातें कर रहे हैं.

कानपुर की चंद्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें छात्रों को कूलर की हवा खाना भारी पड़ गया. मामला इसी संस्थान के एक हॉस्टल का है, जहां विश्वविद्यालय प्रशासन दल- बल के साथ पहुंचा और बिना अनुमति कूलर चलाने के आरोप में छात्रों पर 10- 10 हजार का जुर्माना लगा दिया. इसे लेकर छात्र अब काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं.
इसलिए हुई कार्रवाई
चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय देश की जानी मानी यूनिवर्सिटी है. इसी के शेखर छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने भीषण गर्मी से बचने के लिए अपने रूम में कूलर लगाए थे. प्रशासन का कहना है कि इसके लिए उन्होंने ना तो अनुमति ली थी और ना ही इसका शुल्क जमा किया था. इसी के चलते यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी 9 छात्रों पर कार्रवाई की है.
छात्रों ने क्या कहा?
हांलाकि इसे लेकर छात्रों का कहना है कि कूलर कोई लक्जरी सुविधाओं के तहत नही बल्कि गर्मी के समय में एक बेसिक जरूरत के तौर पर आता है. उनका कहना है कि अगर यूनिवर्सिटी बेसिक जरूरतों को लेकर भी अगर प्रतिबंध लगाती है और हर छोटी चीज को लेकर परमिशन की बात करती है, तो कहीं न कहीं छात्रों को परेशान करने वाले रवैए के तौर पर देखा जा रहा है.
जिन छात्रों पर कार्रवाई हुई है, उनमें अंकित कुमार, सिद्धांत कुमार, रोहित कुमार जायसवाल, शिव लखन, प्रवीण कुमार यादव, अरुण प्रताप, अश्विनी कुमार, सूरज सिंह और जय शुक्ला शामिल हैं. उनका कहना है प्रदेशभर में सरकार गर्मी से राहत के लिए जागरूकता कार्यक्रम चला रही है, ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा कूलर के लिए जुर्माना लगाना सरासर गलत है.
कूलर लगाने के ये हैं नियम
हॉस्टल के छात्रों पर ये एक्शन तब हुआ, जब डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर मुनीश कुमार ने हॉस्टल का निरीक्षण किया. जब उन्होंने देखा कि कुछ छात्रों के कमरों में कूलर मौजूद हैं. वो भी बिना अनुमति और शुल्क के तो उन्होंने सभी 9 छात्रों पर नियमों के तहत जुर्माना लगाया. उन्होने इसके लिए नियमों का हवाला दिया.
उनके मुताबिक एकेडमिक काउंसिल की बैठक में ये बात तय की गई थी कि हॉस्टल में कूलर लगाने के लिए पहले अनुमति लेना अनिवार्य है, जिसके लिए 5000 रुपये का शुल्क भी तय किया गया था. ये अनुमति हर वर्ष केवल 1 मार्च से 15 नवंबर तक के लिए वैध होती है.



