कांवड़ रूट पर मीट की दुकानें बंद रहेंगी, लेकिन खुली रहेगी मधुशाला… पर्दा लगाकर बिकेगी शराब
कावड़ यात्रा को लेकर मेरठ के कमिश्नर सभागार में हाई लेवल मीटिंग हुई, उसमें ये फैसला लिया गया कि रूट पर मीट की दुकाने बंद रहेंगी. इसके साथ ही शराब की दुकानों को छूट दी गई है लेकिन शराब दुकान मालिकों को बाहर पर्दा लगाना जरूरी होगा.
कावड़ यात्रा को लेकर मेरठ के कमिश्नर सभागार में जो हाई लेवल मीटिंग हुई, इसमें 4 राज्यों के अधिकारी शामिल हुए. इसमें ये फैसला लिया गया कि यात्रा के दौरान मीट की दुकानों को बंद किया जाएगा. इसके साथ ही शराब की दुकानों को लेकर छूट देने की बात सामने आई है. लेकिन शराब के दुकान मालिकों को ये निर्देश दिए गए हैं कि वे पूरे महीने अपनी दुकानों के आगे पर्दे लगाएंगे. मेरठ नगर निगम के मेयर हरिकांत आहलुवालिया पहले ही ये आदेश दे चुके हैं कि सावन के महीने में पूरे शहर में नॉन वेज की दुकानें बंद रहेंगी.
खड़े हो रहे सवाल
कावड़ यात्रा 2025 की समीक्षा बैठक की अगुवाई यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी राजीव कृष्ण ने कर रहे थे. इस मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए. इसमें कावड़ के रूट मौजूद सभी नॉन वेज की दुकानों को बंद करने को लेकर निर्णय लिया गया. हांलाकि इसमें शराब की दुकानों को ढ़ील देने की बात कही गई है. जिसके बाद प्रशाशन के फैसले पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
1000 करोड़ का है ये कारोबार
आपको बता दें कि पिछले साल मेरठ में एक्साइज यानी लीकर शॉप्स के जरिए करीब 1000 करोड़ का कारोबार हुआ था, जिसमें सावन के महीने में ही करीब 73.68 करोड़ की बिक्री देखने को मिली थी. डिस्ट्रिक्ट एक्साइज ऑफिसर प्रदीप कुमार के मुताबिक इस बार सावन में करीब 80 करोड़ के कारोबार हो सकता है.
मीट कारोबारियों की ये है दलील
जहां एक तरफ कावड़ यात्रा के दौरान नॉन वेज की दुकानों को बैन करने का फैसला लिया गया है, तो वहीं इससे जुड़े कारोबारियों ने शराब की दुकानों को ढ़ील देने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि अगर सावन में पवित्रता को देखते हुए सरकार मीट की दुकानों को बंद करने का डिसीजन ले रही है तो उसे शराब पर भी पाबंदी लगानी चाहिए. उनका कहना है कि सरकार का ये निर्णय दोहरे रवैए को दिखाता है.