बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों की तबीयत, महिलाओं का हाइजीन… छाते का सहारा लेकर कैंप में कुछ यूं पहुंची डीएम मेधा
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के शरणालयों के कैंप में जिलाधिकारी मेधा रूपम पहुंची. लोगों के बीच उनके सुविधाओं और मुश्किलों के बारे में उन्होंने जानने की कोशिश की. उन्होंने लोगों के कैंप में जाकर प्रशासन के उनके साथ होने का भरोसा दिलाया.
उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्र यमुना नदी के बढ़े हुए जलस्तर की वजह से बाढ़ की चपेट में हैं. हालांकि, बीते पांच दिनों के बढ़े जलस्तर में आज गिरावट आई है और अभी पानी खतरे के निशान के नीचे पहुंच गया है. बाढ़ से गौतम बुद्ध नगर भी प्रभावित रहा. ऐसे में बाढ़ की आपदा झेल रहे लोगों की सुविधाओं का जायजा लेने के लिए इलाके की डीएम मेधा रूपम मौके पर पहुंची.
छाता लेकर पहुंची शरणालय
बारिश के दौरान ही वो छाता लेकर वो शरणालयों का निरीक्षण करने के लिए पहुंची. इस दौरान उन्होंने बच्चों से भी मुलाकात की और उनका उत्साहवर्धन करती हुई नजर आईं. जिलाधिकारी मेधा ने इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है.
तालियां बजाकर किया उत्साहवर्धन
यमुना नदी के बढ़े जल स्तर से प्रभावित परिवारों के लिए बने हुए सेक्टर 135 और 150 के शरणालयों में चल रहे शरणालयों का निरीक्षण किया. पहले वो सेक्टर 135 पहुंची उसके बाद उन्होंने सेक्टर 150 का रुख किया. शरणालयों में चल रहे पाठशाला में जिलाधिकारी मेधा ने बच्चों से पहले देश और फिर उत्तर प्रदेश की राजधानी के बारे में पूछा. वहां बैठे हुए एक बच्चे ने सही जवाब दिया तो मेधा ने तालियां बजाकर उसके मनोबल को बढ़ाया. उन्होंने बच्चों को किताबें भी बांटीं.
स्वास्थ्य सुविधाओं का लिया जायजा
बुजुर्ग और किसी तरह की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए वहां पर डॉक्टर की टीम लगाई गई है. जिलाधिकारी मेधा ने लोगों के लिए काम कर रही डॉक्टरों की टीम से बात की. साथ ही मरीजों से भी बात की. इसके साथ मवेशियों के लिए की गई व्यवस्था का भी जायजा लिया. क्या उन्हें ठीक से चारा और पानी मिल पा रहा है या नहीं, मवेशियों को दी जाने वाली हर जरूरी सुविधाओं का जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया.
महिलाओं से की बात
उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य और हाइजीन को प्राथमिकता देते हुए उन्हें सेनेटरी पैड बांटे. वो महिलाओं से मिलीं और बुखार से पीड़ित एक बच्चे के हाथ को छूकर उसके शरीर के तापमान को जानने की कोशिश की. डीएम मेधा ने एक-एक कैंप में जाकर उनका हाल-चाल जानने की कोशिश की. जिस समय वो निरीक्षण के लिए पहुंची उस समय तेज बारिश हो रही थी.
थोड़ा भीगते हुए और थोड़ा छाते का सहारा लेते हुए वो लोगों के बीच पहुंची. जिससे शरणार्थियों के बीच भी भरोसा और प्यार बढ़ा. उन्होंने अपनी तकलीफों और सुविधाओं का जिक्र जिलाधिकारी से किया. बाढ़ से जूझ रहे लोगों को उन्होंने शरणालय में आने के लिए प्रेरित किया, ताकि वो अपने आम जनजीवन को बेहतर बना सकें.