कभी फांसीघर था, फिर एलडीए दफ्तर; अब सफाई के दौरान मिला चांदी का सिंहासन
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के पुराने कार्यालय में सफाई के दौरान चांदी की एक कुर्सी मिली है. यह कुर्सी ब्रिटिश शासनकाल की है. यह उस दौर की शक्ति और शिल्पकला को दर्शाती है. इसे नए कार्यालय के मुख्य हॉल में शोपीस के रूप में सजाया गया है.
लालबाग स्थित लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) का पुराना कार्यालय अपने अंदर कई राज दफन किए हुए है. ब्रिटिश हुकूमत के दिनों में इसे कभी फांसी घर के नाम से जाना जाता था. ब्रिटिश हुकूमत की कहानियां बयां करने वाला यह कार्यालय अब एक बार फिर सुर्खियों में है.
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इस बार वजह है एक 20 किलोग्राम की चांदी की कुर्सी, जो दो महीने पहले दफ्तर की सफाई के दौरान एक बंद कमरे से बरामद हुई. इस कुर्सी की कीमत करीब 40 लाख रुपये आंकी जा रही है. यह न केवल ऐतिहासिक महत्व बल्कि उस दौर की शक्ति और शिल्पकला को भी दर्शाती है.
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LDA के पुराने दफ्तर में सफाई के दौरान मिली इस चांदी की कुर्सी ने न सिर्फ अधिकारियों को चौंकाया, बल्कि पुराने कर्मचारियों की यादों को भी ताजा कर दिया. इतिहासकारों और पुराने कर्मचारियों के अनुसार, यह कुर्सी अंग्रेजी शासनकाल में उच्च अधिकारियों के लिए बनाई गई थी.
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अधिकारियों ने इसे एलडीसी कार्यालय में प्रदर्शित किया है. पुराने कर्मचारियों का मानना है कि उस समय यह न केवल एक आसन थी, बल्कि शक्ति और प्रभुत्व का प्रतीक भी थी. कुर्सी की खोज ने LDA के पुराने दफ्तर में छिपे खजाने की संभावना को भी हवा दी है.
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एक अधिकारी ने बताया कि वह 1982 से LDA से जुड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘यह कुर्सी सिंहासन जैसी भव्य है. इसकी नक्काशी और डिजाइन में उस समय की शिल्पकला की झलक साफ दिखती है. कुर्सी का वजन करीब 20 किलोग्राम बताया जा रहा है और यह ठोस चांदी से बनी है.
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उन्होंने बताया कि वर्तमान बाजार मूल्य के हिसाब से इसमें लगी चांदी की कीमत 22 लाख रुपये है, जबकि इसे बनाने की लागत सहित कुल कीमत 35 से 40 लाख रुपये हो सकती है. अधिकारियों का मानना है कि इस खोज ने दफ्तर के ऐतिहासिक महत्व को फिर से रेखांकित किया है.
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LDA उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देश पर इस कुर्सी को विशेष रूप से साफ कर नए कार्यालय के मुख्य हॉल में शोपीस के रूप में सजाया गया है. अब यह कुर्सी न केवल LDA के दफ्तर की शोभा बढ़ा रही है, बल्कि आने वाले आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बन गई है.
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पुराने कर्मचारियों का दावा है कि दफ्तर में एक पुराना कमरा है, जिसमें लकड़ी का एक एंटीक संदूक रखा है. इस संदूक में ताला लगा है, और इसके अंदर कई ऐतिहासिक वस्तुएं या दस्तावेज होने की संभावना है. इस संदूक को जल्द खोला जाएगा. हो सकता है कि कई और रहस्य सामने आएं.