67 गिरफ्तार, क्या लगेगा NSA? भीम आर्मी के उपद्रवियों पर बड़े एक्शन की तैयारी

प्रयागराज में नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद की नज़रबंदी के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए. उनके समर्थकों ने कई जगहों पर जमकर बवाल काटा. पुलिस ने इस मामले में 67 लोगों को गिरफ़्तार किया है. आरोपियों पर NSA और गैंगस्टर एक्ट लगाने की तैयारी है. जानें अब तक क्या-क्या हुआ.

प्रयागराज दौरे के दौरान सांसद चन्द्रशेखर आज़ाद (PTI) Image Credit:

यूपी के नगीना से सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को रविवार को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया था. वह कौशांबी में कथित दुष्कर्म पीड़िता से मिलने जा रहे थे, उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें प्रयागराज एयरपोर्ट पर रोका लिया और सर्किट हाउस में नजरबंद कर दिया. इसके विरोध में उनके समर्थकों ने करछना में जमकर बवाल काटा, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पथराव किया.

पुलिस ने करछना में हुई घटना के सिलसिले में 67 लोगों को गिरफ्तार किया है और 8 नाबालिग को हिरासत में लिया है. डीसीपी (यमुनापार) विवेक चंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और गैंगस्टर एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई भी कानूनी प्रावधानों के अनुसार दोषियों से की जाएगी.

प्रशासन का गुस्सा निर्दोष लोगों पर क्यों?

पुलिस द्वारा सांसद चंद्रशेखर आजाद को दोपहर में ही कौशांबी जाने से रोक दिया गया था. इसके बाद शाम तक भीम आर्मी के समर्थक उग्र हो गए और कई घंटे तक तांडव किया. डीसीपी ने कहा कि सांसद के दौरे की सूचना मिलने के बाद उनके कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इसोहता गांव में एकत्र हुए थे. जब उन्हें पता चला कि चंद्रशेखर आज़ाद नहीं आ रहे हैं, तो भीड़ भड़क गई और पथराव करने लगी.

इस घटना में डायल 112 आपातकालीन वाहन समेत कई निजी गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. सड़क में गुजर रही महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को निशाना बनाया गया. दर्जनों मोटर साइकिल को आग के हवाले कर दिया गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां किसान आंदोलन को छोड़कर कभी ऐसा सियासी उपद्रव नहीं हुआ. बस एक ही सवाल है कि प्रशासन और सियासी दलों की टकराव में हमें क्यों निशाना बनाया गया?

कौशांबी में किससे मिलने जा रहे थे सांसद?

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद कौशांबी में दो जगह जाने वाले थे. एक कौशांबी में सैनी थाना क्षेत्र के लोहांगा गांव है, जहा 27 मई को पाल समाज की एक 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था. इस मामले की जांच प्रतापगढ़ एसआईटी कर रही है. इसके अलावा वह इसोहता गांव जानें वाले थे, जहां 13 अप्रैल को देवीशंकर नामक व्यक्ति की जलने से मौत हो गई थी. परिवार ने आरोप लगाया है कि उसकी हत्या की गई है.

सांसद समर्थक ‘विलेन’- देवी शंकर के परिजन

भीम आर्मी के समर्थकों ने करछना कौड़ीहार मार्ग पर भी जमकर बवाल किया था. उपद्रव में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं. चन्द्रशेखर की मांग पर बवाल वाले दिन पुलिस देवी शंकर के परिजनों को अपनी वैन में बैठकर प्रयागराज सर्किट हाउस ला रही थी लेकिन रास्ते में सांसद के समर्थकों ने उस गाड़ी को रोक दी. पुलिस को उन्हें वापस उनके गांव छोड़ना पड़ा. परिजनों का कहना है कि देवी शंकर के परिवार के लिए भीम आर्मी के समर्थक ही उस दिन विलेन बन गए.

आरोपियों ने कान पकड़कर उठक बैठक की

इस बीच पुलिस ने आज गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के पहले आरोपियों से कान पकड़कर उठक बैठक भी कराई. इस दौरान आरोपियों ने दोबारा ऐसी गलती नहीं करने की गुहार लगाई. अधिकारी ने कहा कि वीडियो फुटेज और सीसीटीवी फूटेज के आधार पर घटना में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं.