सोने के 7 कलश के नीचे भगवान नृसिंह… बांसुरी रूप में यहां होते हैं राधा रानी के दर्शन, जानें क्या है रहस्य-Photos

वृंदावन के शाहजहांपुर के प्रताप बाजार में एक ऐसा मंदिर है, जिसमें 7 सोने के कलश और भगवान नरसिंह विराजमान हैं. इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि यहां पर राधा रानी बंसी के रूप में विराजित हैं. राधारानी का दर्शन संत बंसी अली महाराज को 12 साल की तपस्या के बाद हुआ था. ये 250 साल पुराना विग्रह और 175 साल पुराने इस मंदिर की देखरेख आज भी बंसी अली महाराज के वंशजों के द्वारा की जा रही है. मंदिर की 23 गोपियां आज भी यहां निधिवन में रास करने जाती हैं.

सोने के 7 कलश के नीचे भगवान नृसिंह… बांसुरी रूप में यहां होते हैं राधा रानी के दर्शन, जानें क्या है रहस्य-Photos
वृंदावन के शाहजहांपुर में एक ऐसा मंदिर है जहां, पर आज भी मंदिर के मुख्य शिखर पर सोने के सात कलश लगे हुए हैं साथ ही उसके नीचे भगवान नरसिंह विराजमान हैं. बंसी रूप में यहां राधा रानी के दर्शन होते हैं. ये प्रताप बाजार में स्थित है. इस मंदिर का निर्माण 1864 में बंसीअली जी के वंशज लाडली प्रसाद ने किया था.
1 / 5
सोने के 7 कलश के नीचे भगवान नृसिंह… बांसुरी रूप में यहां होते हैं राधा रानी के दर्शन, जानें क्या है रहस्य-Photos
तभी से इस मंदिर में राधा रानी भगवान कृष्ण के रूप गोविंद के साथ यहां विराजमान हैं. यहीं पर ललिता सखी भी विराजमान हैं. संत बंसी अली महाराज का जन्म लगभग 300 साल पहले दिल्ली के चांदनी चौक कटरा में हुआ था. बंसी अली महाराज राधा रानी को अपना ईष्ट मानते थे और अपने साथ में राधा रानी का विग्रह लेकर चलते थे.
2 / 5
सोने के 7 कलश के नीचे भगवान नृसिंह… बांसुरी रूप में यहां होते हैं राधा रानी के दर्शन, जानें क्या है रहस्य-Photos
उनकी इच्छा थी कि राधा रानी उनको बंसी के रूप में दर्शन दें लेकिन,आखिर कैसे उनके दर्शन हो इसको लेकर उन्होंने ललिता सखी को अपना गुरु माना.
3 / 5
सोने के 7 कलश के नीचे भगवान नृसिंह… बांसुरी रूप में यहां होते हैं राधा रानी के दर्शन, जानें क्या है रहस्य-Photos
उनसे प्रार्थना की फिर उसके बाद बंसी अली महाराज 12 साल की तपस्या में लीन हुए और इसके बाद राधा रानी ने उन्हें बंसी रूप में दर्शन दिया. यहां का विग्रह 250 साल पुराना है और मंदिर 175 साल लगभग पुराना है.
4 / 5
सोने के 7 कलश के नीचे भगवान नृसिंह… बांसुरी रूप में यहां होते हैं राधा रानी के दर्शन, जानें क्या है रहस्य-Photos
आज इस मंदिर में बंसी अली महाराज की नवी पीढ़ी सेवा कर रही है यह सब जानकारी हमें मंदिर के सेवायत आचार्य चंद्र किशोर गोस्वामी ने दी है. यह भी जाता है कि मंदिर के बाहर बनी जो 23 गोपिया खंबे के रूप में विराजमान है वह आज भी निधिवन में रास करने के लिए जाती हैं.
5 / 5