हो रही थी खुदाई, तभी प्रकट हुआ 300 साल पुराना पंचमुखी शिवलिंग फिर…
उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक ऐसी घटना हुई है, जिसे लोग चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं. यहीं के सराय पिपरिया में कमल की खेती के लिए जब तालाब की खुदाई हो रही थी, उसी दौरान करीब 6 फीट नीचे एक पंचमुखी शिवलिंग प्रकट हुआ. कहा जा रहा है कि ये शिवलिंग 300 साल पुराना है.

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक चमत्कारिक घटना सामने आई है. यहीं के सराय पिपरिया गांव में कमल की खेती के लिए जब जेसीबी से तालाब की खुदाई की जा रही थी, उसी दौरान करीब 6 फीट गहराई में एक पंचमुखी शिवलिंग दिखाई दिया. पंचमुखी आकृति होने की वजह से इसे अत्यंत दुर्लभ माना जा रहा है.
ये घटना ऐसे समय में हुई है, जब सावन में भगवान शिव की खासतौर पे पूजा की जा रही है. इसी वजह से लोग इसे भगवान का चमत्कार मान रहे हैं. अब इस स्थान पर मंदिर निर्माण करने की बातें की जा रही हैं.

लोगों ने बताया चमत्कार
जैसे ही ये बात पता चली, आसपास के गांवों से लोग मौके पर जमा होना शुरू हो गए. देखते ही देखते शिवलिंग की पूजा-अर्चना शुरू हो गई और पूरा वातावरण हर‑हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा. लोगों का कहना है कि सावन में इस तरह से शिवलिंग का प्रकट होना एक चमत्कार है. वे इस घटना को भगवान शिव की इच्छा करार दे रहे हैं.
बनेगा भव्य मंदिर
वहां मौजूद मधुसूदन आचार्य ने बताया कि ये पंचमुखी शिवलिंग करीब 300 साल पुराना है और इसकी संरचना मां नर्मदेश्वर जैसी प्रतीत होती है. उन्होंने कहा कि इसी जगह पर भगवान शिव का भव्य मंदिर बनाया जाएगा.
इसी बीच शिप्रा पाठक, जिन्हें ‘वाटर वुमन’ के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने बताया कि उनके पिता इस स्थान पर भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराएंगे. शिप्रा पाठक का कहना है कि शिव जब स्वयं प्रकट होते हैं, तो उन्हें यहीं विराजमान होना चाहिए.
तालाब में कैसे पहुंचा 300 साल पुराना शिवलिंग
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि इतना प्राचीन तालाब में कैसे पहुंचा. इसे लेकर लोग अपनी- अपनी राय दे रहे हैं. लोगों का कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि सैकड़ों साल पहले किसी आक्रान्ता ने मंदिर को नष्ट करके शिवलिंग तालाब में फेक दिया हो. हांलाकि इस बात के अभी तक कोई प्रमाण सामने नहीं आए हैं. फिलहाल इस घटना के चलते भक्त काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.
रिपोर्ट- सोनू यादव



