जहरीले कफ सिरप को लेकर यूपी सरकार भी सख्त, सैंपलिंग के निर्देश, बिक्री पर रोक

COLDRIF नामक जहरीले कफ सिरप को लेकर हाहाकार मचा है. इस कफ सिरप में Diethylene Glycol की मात्रा अधिक है, जो मरीजों के लिए जानलेवा हो सकता है. मध्य प्रदेश और राजस्थान में इसके सेवन से कई बच्चों की मौत हो चुकी है. ऐसे में यूपी सरकार ने भी इसपर बैन लगा दिया है.

यूपी में भी जहरीले कफ सिरप पर लगा बैन

मध्य प्रदेश और राजस्थान में इस जहरीले कफ सिरप से कई बच्चों की मौत हो गई है. इसके सेवन से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कुल 14 बच्चों की मौत हो चुकी है. जांच में COLDRIF नामक कफ सिरप में मिलावट की पुष्टी हुई है. इस सिरप में 48.6 प्रतिशत डाइएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है. ऐसे में इसका सेवन मरीजों के लिए जानलेवा हो सकता है.

मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों ने COLDRIF कफ सिरप को बैन कर दिया है. इसी क्रम में अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इसपर रोक लगाने का फैसला लिया है. रविवार को सहायक आयुक्त (औषधि) ने कफ सिरप के आयात निर्यात पर रोक लगा दी. साथ ही सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में दवा की सैंपलिंग के निर्देश दिए हैं.

नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजने के निर्देश

राजस्थान, मध्य प्रदेश और दूसरे प्रदेशों में दवा के भयंकर साइड इफेक्ट के बाद एक्शन लिया गया है. बताया जाता है कि इसके सेवन से किडनी फेल जैसा खतरा हो सकता है. जिससे मरीजों की अचानक मौत हो सकती है. यूपी सरकार ने ड्रग इंस्पेक्टरों को कफ सिरप के नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रदेश भर से दवा के सैंपल कलेक्ट कर लखनऊ की लेबोरेटरी में भेजने के निर्देश हैं. साथ ही कफ सीरप और उसमें प्रयुक्त प्रोपाइलिन ग्लाइकॉल (Propylene Glycol) का नमूना इकट्ठा करने को कहा गया है. सहायक आयुक्त (औषधि) की तरफ से सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को यह निर्देश जारी किया गया है.

कफ सिरप में Diethylene Glycol का मिलावट

इसमें कहा गया कि कांचीपुरम स्थित Sresan Pharmaceutical की COLDRIF कफ सिरप में Diethylene Glycol का मिलावट पाया गया है. कफ सिरप की जांच में यह पुष्टी हुई है. Diethylene Glycol एक हानिकारक अवयव है, जिसका अपमिश्रण मरीजों के लिये जानलेवा हो सकता है. इसलिए इस कफ सिरप पर रोक लगाया जाता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने की उच्च स्तरीय बैठक

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के साथ इसको लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में सचिव ने साफ कहा कि सभी दवा कंपनियां संशोधित Schedule M के नियमों का सख्ती से पालन करें, वरना उनके लाइसेंस रद्द किए जाएं. साथ ही अस्पतालों से समय पर रिपोर्ट भेजने, IDSP-IHIP प्लेटफॉर्म पर शिकायतें दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं.