यूपी में ठंड का फिर से सितम, 10 डिग्री से नीचे पहुंचा पारा, कोहरे का भी अलर्ट
यूपी में ठंड फिर से बढ़ने लगा है. दिन और शाम के वक्त अच्छी-खासी गलन महसूस होने लगी है. साथ ही सुबह के वक्त आसमान में ठीक-ठाक कोहरा भी नजर आ रहा है. फिलहाल, मुजफ्फरनगर में सबसे कम तापमान में 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
प्रदेश में पुरवैया हवा के चलते पिछले कुछ दिन तापमान में कमी आई थी. लेकिन अब एक फिर प्रदेश में बह रही ठंडी पछुआ हवाओं के चलते तापमान में गिरावट आई है. अगले 2 से 3 दिन तक इसके चलते तापमान में और गिरावट आ सकती है. इससे गलन में अच्छा-खासा इजाफा हो सकता है.
फिलहाल, पूरे प्रदेश में दिन और शाम के वक्त अच्छी-खासी गलन महसूस होने लगी है. साथ ही सुबह के वक्त आसमान में ठीक-ठाक कोहरा भी नजर आ रहा है. इसके चलते विजिबिलिटी भी प्रभावित हुई है. कई शहरों में विजिबिलिटी 50 मीटर से लेकर 100 मीटर दर्ज की गई है.
ग्रीन जोन की स्थिति में सभी जिले
मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के सभी जिले फिलहाल, ग्रीन जोन की स्थिति में हैं. अगले एक हफ्ते तक मौसम पूरी तरह साफ है. हालांकि, सुबह के समय छिछला से मध्यम कोहरा छा सकता है. वहीं, दिन के वक्त अच्छी-खासी धूप खिले रहने की संभावना है.
मुजफ्फरनगर रहा सबसे ठंडा
अगर न्यूनतम तापमान की बात करें तो मुजफ्फरनगर 9.4 डिग्री के साथ सबसे ठंडा जिला रहा. फिर इटावा और बुलंदशहर में 10 डिग्री मिनिमम टेंपरेचर रिकॉर्ड किया गया. इसके अलावा कानपुर में 10.2 और मेरठ में 10.3 न्यूनत तापमान रहा.
कानपुर रहा सबसे गर्म जिला
वहीं, सबसे गर्म जिला 29.2 डिग्री सेल्सियस के साथ कानपुर रहा. फिर शाहजहांपुर में 28.9, हमीरपुर में 28.2, प्रयागराज और वाराणसी में 28 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिसंबर के पहले सप्ताह तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों में अच्छी-खासी गिरावट आ सकती है.
प्रदूषण की स्थिति अब भी गंभीर
प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. नोएडा में पीएम 2.5 का एक्यूआई 379 दर्ज किया गया.वहीं, गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 399 पाया गया. मेरठ में एक्यूआई 299 रिकार्ड किया गया. इसके अलावा लखनऊ और वाराणसी में एक्यूआई 194 और 161 दर्ज किया गया.
सतर्क रहने की जरूरत
नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ में जिस तरह प्रदूषण की स्थिति है वह सेहत के लिए बेहद बेहद खतरनाक. ऐसे में घरों के अंदर रहने की कोशिश करें. मुमकिन हो तो एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें. बाहर निकलें तो मास्क जरूर पहनें. फिलहाल, इस स्थिति में अस्पतालों में सांस संबंधी मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है.