16 करोड़ की प्रॉपर्टी, 18 लोगों का गैंग; खाड़ी देशों से जुड़े हैं धर्मांतरण माफिया छांगुर बाबा के तार
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण माफिया जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर एटीएस ने कई बड़े खुलासे किए हैं. एटीएस ने पुणे में उसकी 16 करोड़ रुपये की प्रापर्टी और 18 सदस्यीय गिरोह का खुलासा किया है. अब तक की जांच में पाया गया कि छांगुर बाबा के खाड़ी देशों से संबंध हैं और उसे वहां से फंडिंग मिलती थी. अब तक पुलिस ने छांगुर बाबा समेत गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के कुख्यात धर्मांतरण माफिया जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त छांगुर बाबा ने 18 लोगों को साथ मिलकर पूरा गैंग बना रखा था. एटीएस की जांच में पता चला है कि इस छांगुर बाबा की प्रशासन और कोर्ट में गहरी पैठ थी. यहां तक कि इसने पुणे में 16 करोड़ रुपये की जो प्रापर्टी खरीदी थी, उसमें एक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की कोर्ट में तैनात लिपिक की पत्नी को हिस्सेदार भी बनाया था.
इस तरह के इनपुट के बाद पुलिस ने अब तक गैंग के 4 लोगों को अरेस्ट कर लिया है. जबकि 14 अन्य लोगों की तलाश में दबिश तेज कर दी गई है. एटीएस के सूत्रों के मुताबिक धर्मांतरण माफिया छांगुर बाबा ने उतरौला तहसील के कर्मचारियों से सांठगांठ कर रखी थी. इसी सांठगांठ के दाम पर उसने एक तालाब को अपने नाम करा लिया था. यही नहीं, इसने पुणे के मावल तहसील में कुनेनामा गांव में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी है.
कोर्ट में लिपिक की पत्नी को बनाया प्रापर्टी में हिस्सेदार
इस जमीन का इसने व्यावसायिक एग्रीमेंट तैयार किया है. इस सौदे में बलरामपुर के बड़ा घुसाह गांव में रहने वाली संगीता देवी को हिस्सेदार बनाया है. संगीता का पति राजेश उपाध्याय सीजेएम कोर्ट में लिपिक है. एटीएस की रिपोर्ट के अनुसार, छांगुर बाबा ने संगीता को जमीन के कारोबार में होने वाले मुनाफे में हिस्सा देने का वादा किया था. कोर्ट में अपनी पहुंच के दम पर ही छांगुर बाबा ने कई ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे, जो धर्मांतरण के एजेंडे में बाधा बन रहे थे.
अलग अलग जगह के हैं गैंग मेंबर
इनमें दो महिलाओं संचित और मालती देवी का भी नाम है. इन दोनों ने इस्लाम धर्म अपनाने से इनकार कर दिया था. एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक इसके गैंग में शामिल कुल 18 लोगों के नाम सामने आए हैं. यह सभी लोग गोंडा, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, औरैया और पुणे आदि जिलों के रहने वाले हैं. यह धर्मांतरण माफिया बिलकुल संगठित तरीके से अपने एजेंडे को अंजाम दे रहा था.
40 बार की खाड़ी देशों की यात्रा
इसने देश की एकता व अखंडता को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. मूल रूप से गैड़ास बुजुर्ग के रेहरा माफी गांव के रहने वाले जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के संपर्क खाड़ी देशों में थे. एटीएस को मिले इनपुट के मुताबिक इन्हीं देशों से छांगुर को फंडिंग होती थी और इसके लिए वह और उसके गैंग के लोग 40 बार इन देशों की यात्रा कर चुके हैं.



