लखनऊ में बीमा फर्जीवाड़ा, पत्नी ने जीवित पति को बताया मृत, हड़प लिए 25 लाख रुपये
लखनऊ में एक महिला का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. उसने अपने जिंदा पति को मृत बताकर बीमा कंपनी से 25 लाख रुपये हड़प लिए. फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र से किया गया यह बीमा धोखाधड़ी तब सामने आई जब पति नई पॉलिसी के लिए पहुंचे. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक चौंकाने वाला बीमा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने जिंदा पति को मृत दिखाकर बीमा कंपनी से 25 लाख रुपये का क्लेम हासिल कर लिया. हजरतगंज थाना क्षेत्र में हुए इस सनसनीखेज मामले का खुलासा तब हुआ, जब पति नई बीमा पॉलिसी लेने के लिए दूसरी शाखा में पहुंचा. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
फर्जी दस्तावेजों से महिला ने रची साजिश
हजरतगंज के शाहनजफ रोड स्थित अवीवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में जानकीपुरम सेक्टर-एफ निवासी रवि शंकर ने 5 दिसंबर 2012 को 25 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी ली थी. उनकी पत्नी केश कुमारी ने 9 अप्रैल 2023 को फर्जी डेथ सर्टिफिकेट और अन्य जाली दस्तावेज जमा कर पति की मृत्यु का दावा किया. कंपनी ने बिना किसी शक के 21 अप्रैल 2023 को केश कुमारी के खाते में एनईएफटी के जरिए 25 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए.
नई पॉलिसी लेने पहुंचे पति तो खोला राज
मामले का पर्दाफाश तब हुआ, जब रवि शंकर, जो वास्तव में जिंदा थे, बंधन बैंक की शाखा में नई बीमा पॉलिसी के लिए आवेदन करने पहुंचे. कंपनी ने उनके दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि उनके नाम पर पहले ही मृत्यु दिखाकर 25 लाख रुपये का क्लेम लिया जा चुका है. हैरान करने वाली बात यह थी कि रवि शंकर पूरी तरह स्वस्थ और जीवित थे. कंपनी ने तुरंत इसकी जांच शुरू की और केश कुमारी द्वारा जमा किए गए सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए.
बीमा कंपनियों के लिए भी यह एक सबक
अवीवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ने इस फर्जीवाड़े की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. कोर्ट के आदेश पर हजरतगंज पुलिस ने 17 अप्रैल 2025 को दर्ज की गई शिकायत के आधार पर केश कुमारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. पुलिस का कहना है कि इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
हजरतगंज थाने के प्रभारी ने बताया कि मामले की गहन पड़ताल की जा रही है और जल्द ही दोषियों को सजा दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. बीमा कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अब दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया को और सख्त किया जाएगा. बल्कि बीमा कंपनियों के लिए यह एक सबक था.