मुख्तार के बाद कौन संभाल रहा अरबों का ‘साम्राज्य’, मऊ की मछली मार्केट में किस गैंग के लोग कर रहे उगाही?
मुख्तार अंसारी के आपराधिक साम्राज्य को लेकर सवाल लगातार उठ रहे हैं. पूछा जा रहा है कि मुख्तार के जाने के बाद इस 5000 करोड़ से भी अधिक के साम्राज्य को कौन ऑपरेट कर रहा है. दरअसल, सरकार के लगातार एक्शन के बाद भी मुख्तार के धंधे बदस्तूर जारी हैं. फिलहाल मऊ और गाजीपुर की पुलिस के अलावा ईडी भी इन सवालों की पड़ताल में जुटी है.

एक समय था जब उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी. मऊ-गाजीपुर समेत यूपी के 10 से अधिक जिलों तथा देश के आठ राज्यों में आपराधिक नेटवर्क था. संगठित तरीके से वसूली और रंगदारी का धंधा चल रहा था. लेकिन, अब मुख्तार की मौत के बाद यह सवाल लगातार उठा रहा कि अब कौन इस गैंग को ऑपरेट कर रहा है. यह सवाल इसलिए भी है कि, मऊ की सबसे बड़ी मछली मंडी में मुख्तार के ही लोग ना केवल रेट खोल रहे, बल्कि हर महीने करोड़ों रुपये की वसूली भी कर रहे हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से ही मुख्तार अंसारी की कमर तोड़ने का काम शुरू हो गया था. हालांकि बीते सात वर्षों में सरकार ने मुख्तार के आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया है. बेटे उमर समेत मुख्तार के तमाम गुर्गों को जेल पहुंचा दिया गया. बावजूद इसके, अभी भी मुख्तार के धंधे मऊ, गाजीपुर और बनारस में जारी हैं. माना जा रहा है कि पर्दे के पीछे रहकर मुख्तार के लोग ही इन धंधों को ऑपरेट कर रहे हैं.
सबसे ज्यादा कोल कट से कमाई
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस समय मुख्तार की गैंग की कमाई का मुख्य जरिया कोल कट ही है. देश के कई थर्मल पॉवर स्टेशनों में कोयले की सप्लाई का जिम्मा अभी भी इस गैंग के पास है. मऊ की मछली मंडी में आज भी वही लोग रेट खोलते देखे जा रहे हैं, जो मुख्तार के समय में नजर आते थे. माना जा रहा है कि इस मछली मंडी से भी इस गैंग को करोड़ों की कमाई हो रही है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि छोटा बेटा उमर जेल में है, बीवी अफसां अंसारी फरार है, बड़े बेटे अब्बास की विधायकी मुश्किल से बची है. ऐसे में आखिरकार गैंग को ऑपरेट कौन कर रहा है.
ये था मुख्तार का मुख्य धंधा
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का मुख्य धंधा कोलकट था, लेकिन इसके अलावा मुंबई में तेल सप्लाई, क्रशर्स से भी उसे काफी कमाई होती थी. इसके अलावा मऊ से बनारस तक और भदोही से लेकर आजमगढ़ तक प्रापर्टी का भी काम था. खासतौर पर मुख्तार ने प्राइम लोकेशन की विवादित प्रापर्टी और होटल कारोबार में काफी पैसा लगाया था. इन तरह की 800 करोड़ से भी अधिक की प्रापर्टियों को चिन्हित कर जब्त किया गया है. माना जा रहा है कि मुख्तार का धंधा करीब 5000 करोड़ या इससे भी अधिक का हो सकता है. मुख्तार के मुख्य धंधों में सरकारी जमीनों पर कब्जा कर वेयर हाउस बनाने का भी काम था. फिर इन वेयर हाउस को वह किराए पर एफसीआई को देता था. ईडी इन सभी धंधों की खोजबीन कर रही है.