नैनी सेंट्रल जेल से हटाए गए वरिष्ठ जेल अधीक्षक, अतीक के बेटे अली के मामले में एक्शन
प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद माफिया अतीक के बेटे अली अहमद के मामले में लापरवाही के चलते जेल के अधिकारियों पर गाज गिरती दिखाई दे रही है. कुछ दिनोंं पहले अली की बैरक से 1100 रुपए की नगदी बरामद की गई थी. इसके बाद उसे हाई सिक्योरिटी सेल में भेज दिया गया था. अब इस मामले में वरिष्ठ जेल अधीक्षक के खिलाफ एक्शन लिया गया है.

प्रयागराज की सेंट्रल नैनी जेल में बंद माफिया अतीक के बेटे अली अहमद की बैरक में लापरवाही के चलते अब जेल अधिकारियों पर कार्रवाई देखने को मिली है. मामला सामने आने के बाद पहले तो अली को हाई सिक्योरिटी बैरक में भेज दिया गया था और अब लापरवाही के आरोप में वरिष्ठ जेल अधीक्षक को हटा दिया गया है. इसके साथ- साथ जेल के कर्मचारियों पर भी इसका एक्शन देखने को मिला है. अधिकारियों के खिलाफ एक्शन को सरकार के सख्त मैसेज के रूप में देखा जा रहा है.
लापरवाही आई सामने
नैनी जेल में बंद अली की बैरक में तलाशी के दौरान 1100 रुपए की नगदी मिलने का मामला सामने आया था. इसे लेकर जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लापरवाही के आरोप लगे थे. मीडिया में भी ये मुद्दा हाईलाइट हुआ था. अब प्रशासन ने केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है और उनका तबादला कर दिया गया है.
इस मामले में रिपोर्ट के आधार पर डीजी जेल ने कार्रवाई करते हुए दो अन्य अधिकारियों डिप्टी जेलर कांति देवी और हेड वार्डर संजय द्विवेदी को निलंबित कर दिया. अब उनकी जगह पर कासगंज के जेलर विजय बहादुर सिंह को नैनी सेंट्रल जेल का नया अधीक्षक बनाया गया है.
वकील पर लग रहे आरोप
माफिया अतीक बेटा पिछली 30 जुलाई 2022 से इसी जेल में बंद है. उमेश पाल मर्डर केस के बाद से अली की मुलाकाते बंद कर दी गई है. सुरक्षा की मद्देनजर उसे हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है. उसे जिस बैरक में रखा गया है, वो तन्हाई बैरक के पास बनी है. नियमों के तहत अली की मुलाकात केवल उसके वकील से ही कराई जा सकती है. इसी बीच पिछली 16 जून को उसके वकील ने उससे मुलाकात की थी. आरोप है कि अधिवक्ता ने ही उसे को नकद पैसे दिए थे.



