धर्मांतरण के लिए 100 करोड़ की विदेशी फंडिंग, ATS ने छांगुर बाबा ‘कोडवर्ड गैंग’ के खंगाले मायने

यूपी एटीएस ने छांगुर बाबा के रैकेट में कई खुलासा किया है. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में सामने आया है कि धर्मांतरण रैकेट के चलाने के लिए छांगुर बाबा ने कई कोड बनाए थे, जिसके बारे में आम शख्स समझ नहीं सकता था. मिट्टी पलटना, काजल करना जैसे कोडवर्ड का पुलिस ने खुलासा किया है. साथ ही छांगुर नेटवर्क को बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपये की फंडिंग भी की गई थी.

छांगुर बाबा

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है. सूत्रों के मुताबिक, इस रैकेट का मास्टरमाइंड, जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को माना जा रहा है. छांगुर बाबा ने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले से की गई प्लानिंग के तहत कोडवर्ड सिस्टम के जरिए सैकड़ों लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाता था. यूपी एटीएस की पूछताछ में छांगुर के इस गुप्त कोडवर्ड सिस्टम को डीकोड कर लिया गया है.

अलग-अलग बनाए थे कोडवर्ड

इसके जरिए उसके काले कारनामों की परतें उघाड़ दी हैं. कोडवर्ड का जाल, प्रोजेक्ट और मिट्टी पलटना, है. एटीएस की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा और उसका गिरोह अपने नेटवर्क में कोडवर्ड्स का इस्तेमाल करता था. ताकि, उनकी बातचीत को गोपनीय रखा जा सके. इस कोडवर्ड सिस्टम में प्रोजेक्ट का मतलब था धर्म परिवर्तन के लिए चुनी गई लड़कियां और युवा, जबकि “मिट्टी पलटना” का अर्थ था उनका धर्म परिवर्तन कराना. यह कोडवर्ड सिस्टम इतना सुनियोजित था कि बाहरी व्यक्ति इसे समझ ही नहीं सकता था.

वहीं कोडवर्ड “काजल करना” का मतलब था किसी व्यक्ति को मानसिक रूप से प्रभावित करना और उसे धर्म परिवर्तन के लिए तैयार करना. वहीं, “दर्शन” का अर्थ था छांगुर बाबा से मुलाकात करवाना, जहां वह अपने कथित आध्यात्मिक प्रभाव और प्रलोभनों का जाल बुनता था. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि छांगुर अपने साथियों के साथ बातचीत में “निकाह” और “शादी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल करता था, जिसके जरिए वह युवाओं को नया जीवन शुरू करने की शर्त के रूप में धर्म परिवर्तन का दबाव बनाता था.

पैसे और विदेश जाने का दिया लालच

छांगुर बाबा का रैकेट गरीब, असहाय और कमजोर वर्ग के लोगों, खासकर युवतियों और युवाओं को निशाना बनाता था. उन्हें आर्थिक मदद, विदेश में नौकरी, स्कॉलरशिप और बेहतर जीवन का सपना दिखाया जाता था. कुछ युवाओं को कथित तौर पर इस्लामिक शिक्षण संस्थानों में फ्री पढ़ाई और खाड़ी देशों में नौकरी का लालच दिया गया. नेपाल और खाड़ी के देशों के संपर्कों का हवाला देकर छांगुर इन युवाओं को अपने जाल में फंसाता था.

100 करोड़ की मिली थी विदेशी फंडिंग

जांच में यह भी सामने आया कि छांगुर के नेटवर्क को खाड़ी देशों से करीब 100 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग मिली थी, जो 40 से ज्यादा बैंक खातों में जमा की गई थी. छांगुर और उसके सहयोगियों ने 40-50 बार इस्लामिक देशों की यात्राएं की थीं, जिससे उनके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की पुष्टि होती है.

छांगुर ने बलरामपुर के मधुपुर में अपनी आलीशान कोठी को इस अवैध साम्राज्य का केंद्र , जो 3 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी. इस कोठी से वह हिंदू लड़कियों और युवतियों को निशाना बनाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाता था.

एटीएस और एसटीएफ की संयुक्त जांच में सामने आया कि छांगुर के नेटवर्क में विदेशी बैंक खातों के जरिए बड़े पैमाने पर संदिग्ध लेन-देन हुए. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अब इस मामले की गहन जांच कर रही हैं, जिसमें 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन की जांच की जा रही है.