ना लगेंगे झटके और ना छूटेगा पसीना, पीतल नगरी से आसान होगा दिल्ली का सफर; सरकार ने लिया ये फैसला

मुरादाबाद से दिल्ली तक 20 ई बस चलाने की तैयारी चल रही है. सभी ई-बस में 40 आरामदायक सीटें, चार सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा के लिए सेंसर लगाए गए हैं. फिलहाल, बसों का किराया अभी तय नहीं हुआ है. दिल्ली रूट पर जोया, गढ़, हापुड़ बाईपास और गाजियाबाद में स्टॉपेज बनाया गया है.

मुरादाबाद से दिल्ली तक बनेगा AC ई-बस रूट

मुरादाबाद से जल्द ही दिल्ली और मेरठ रूट पर एसी इलेक्ट्रिक बसों की सुविधा शुरू होने जा रही है. दिल्ली जाने वाले यात्रियों को हर घंटे वातानुकूलित ई-बस मिलेगी. फिलहाल, मुरादाबाद डिपो में सात एसी ई-बसें पहुंच चुकी हैं. परिवहन निगम को मुताबिक 13 और बसें जल्दी ही मिल जाएंगी. मुरादाबाद से दिल्ली और मेरठ के लिए कुल 20 वातानुकूलित ई-बसें दौड़ाई जाएंगी.

संचालन की लगभग सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इन ई-बसों के आने से यात्रियों को सफर के दौरान आराम और सुविधा मिलेगी. सातों बसें वर्तमान में डिपो वर्कशॉप में खड़ी हैं. प्रत्येक ई-बस में 40 आरामदायक सीटें, चार सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा के लिए सेंसर लगाए गए हैं. डिपो के सीनियर फोरमैन गजेंद्र सिंह ने बताया कि ये बसें फिलहाल कंपनी के चालकों की तरफ से ले आई गई है. बाकी गाड़ियां कुछ ही दिनों में पहुंचेंगी. उनका कहना है कि अगले दो दिनों में बसों का पंजीकरण पूरा कर दिया जाएगा, जिसके बाद परिचालन शुरू हो जाएगा.

जोया, गढ़, हापुड़ बाईपास और गाजियाबाद होंगे स्टॉप

मुरादाबाद से दिल्ली और हापुड़ मार्ग पर चलने वाली ई-बसें अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी और तीन घंटे से कम समय में दिल्ली पहुंचा देगी. बसों का किराया अभी तय नहीं हुआ है. दिल्ली रूट पर जोया, गढ़, हापुड़ बाईपास और गाजियाबाद को ठहराव बिंदु बनाया गया है. इन बसों का शॉकर सिस्टम ऐसा है कि सड़कों पर बस के चलते वक्त झटके कम महसूस होंगे.

पीतलनगरी डिपो में लग रहे चार्जिंग स्टेशन

ई-बसों को चार्ज करने के लिए पीतलनगरी डिपो वर्कशॉप में एक चार्जिंग स्टेशन तैयार हो गया है, जबकि दो और स्टेशन लगाने का काम जारी है. कुल आठ चार्जिंग प्वाइंट स्थापित किए जाने हैं. एक बार पूर्ण चार्ज होने पर ये बसें लगभग 350 किलोमीटर का सफर तय करेंगी. एआरएम फाइनेंस बीएल मिश्रा का कहना है कि बसें पहुंच चुकी हैं, लेकिन चार्जिंग स्टेशन पूरी तरह तैयार नहीं हैं, इसलिए संचालन अभी शुरू नहीं होगा. चार दिनों में स्विच मोबिलिटी इलेक्ट्रिक कंपनी की टीम आकर चार्जिंग स्टेशन अन्य तकनीकी कार्य पूरे करेगी.

चालक और परिचालक किए जाएंगे प्रशिक्षित

विभाग की ओर से जनकरी दी गई कि एसी ई-बसों के संचालन से पूर्व चालकों और परिचालकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ही बसों को रूट पर भेजा जाएगा. इसके साथ ही आसपास के जनपदों में यह भी जांच की जाएगी कि किन बस अड्डों पर चार्जिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसके बाद चयनित रूट पर ट्रायल संचालन किया जाएगा.