3606 मौतें, ₹2 अरब का घाटा… ढाई साल में बिजली विभाग की लापरवाही से UP सरकार को झटका
विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले ढाई साल में बिजली से जुड़े हादसों में 3,349 आम नागरिकों की जान गई है.वहीं, 257 विद्युत कर्मचारी भी हताहत हुए हैं. हालांकि, विद्युत विभाग इन घटनाओं में कमी लाने की बात कहता है. लेकिन इन हादसों की लगातार बढ़ती हुई संख्या कुछ और ही गवाही दे रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है. विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2023 से 15 सितंबर 2025 तक के बीच तकरीबन 11000 से अधिक बिजली से जुड़ी घटनाएं रिपोर्ट की गईं. इसमें 3,606 लोगों की जान गई जिसमें बिजली विभाग के खुद के 257 कर्मचारी शामिल हैं .इन हादसों के चलते उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) को मुआवजे के लिए अपनी जेब से 2 अरब रुपये खाली करने पड़े.
पिछले ढाई साल में लो-टेंशन और हाई-टेंशन लाइनों के टूटने से 3,825 अग्निकांड की घटनाएं दर्ज की गईं. इस दौरान 3600 मवेशियों की मौत करेंट लगने से हो गई. इसके लिए बिजली विभाग को अलग से मुआवजा देना पड़ा. इस तरह के आंकड़े विभाग के कार्यप्रणाली की पोल खोलते हैं. इसमें तुरंत सुधार करने की गुंजाइश भी पैदा करते हैं.

3,349 आम नागरिकों की गई जान
रिपोर्ट के मुताबिक बिजली से जुड़े हादसों में कुल 3,349 आम नागरिकों की जान गई है. अधिकतर हादसे पुरानी वायरिंग, टूटे पोल, जलभराव में गिरे तारों और रखरखाव की कमी के चलते हुए हैं. हाल ही में लखनऊ के हुसैनगंज, इस्माइलगंज और आलमबाग विद्युत हादसे रिपोर्ट किए गए. इन दुर्घटनाओं में 3 लोगों की मौत हो गई. तकरोही से इस्माइलगंज के बीच बरसात के पानी में करंट फैलने से पांच मवेशी मर गए.
बिजली विभाग ने क्या कहा?
विद्युत सुरक्षा निदेशालय के निदेशक जीके सिंह ने बताया निदेशालय नियमित रूप से गाइडलाइंस जारी करता है. सेमिनार आयोजित करता है. अभियंताओं को ट्रेनिंग भी दे रहा है. सभी सेमिनारों में सेफ्टी पर खास जोर दिया जाता है. हमारे प्रयासों का असर ये हुआ है कि दुर्घटनाओं के ग्राफ में कमी आ रही है. लेकिन अभी भी शून्य स्तर तक पहुंचना चुनौती है. विशेषज्ञों के मुताबिक जबतक ड्रोन सर्वे, स्मार्ट मीटर और नियमित ऑडिट की व्यवस्था विभाग नहीं करता है तक दुर्घटनाओं में ज्यादा कमी नहीं लाई जा सकती है.
3600 मवेशियों की भी मौत
विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले ढाई साल में बिजली से जुड़े हादसों में 3600 मवेशियों की भी मौत हुई है. इस दौरान प्रदेश भर में 11000 से ज्यादा विद्युत दुर्घटनाएं दर्ज की गई है. फसलों को रिकॉर्ड स्तर पर नुकसान हुआ है. UPPCL को इन सभी मामलों पर नुकसान हो रहा है. उन्हें बिजली से हुए हादसों पर होने वाली प्रत्येक मौत पर 5 लाख रुपये देने पड़ रहे हैं. वहीं, मवेशियों के मौत पर उनकी नस्लों के अनुसार 20 से 50 हजार देने पड़ रहे हैं. ये सभी खर्च घाटे को बढ़ा रहे हैं. साथ ही बिजली चोरी और बकाया वसूली भी विभाग पर दोगुना बोझ डाल रही है.
बिजली विभाग पर लोगों ने लगाया ये आरोप
बता दें कि बिजली विभाग पर हादसों को दबाने का भी आरोप लगता रहा है. लोगों का कहना है कि विरोध और मीडिया में खबरें आने के बाद ही विद्युत सुरक्षा निदेशालय से जांच कराई जाती है. ऐसे में कई लोगों का मामला विभाग तक पहुंच ही नहीं पाता है, जिससे समय रहते उनके नुकसान की भरपाई भी नहीं हो पाती है.